मकर संक्रांति के मौके पर शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद के यहां चूड़ा दही के भोज का आयोजन किया गया. जिसमें पहली बार लालू की तरफ से बीजेपी के नेताओं को भी न्योता भेजा गया था. हालांकि बीजेपी ने इस न्योते को ठुकरा दिया और पार्टी का कोई भी नेता लालू के इस भोज में शामिल नहीं हुआ.
आरजेडी पार्षद भोला यादव ने कहा कि लालू जी के निर्देश पर मैंने खुद टेलीफोन करके बीजेपी के नेताओं को जैसे सुशील मोदी, नित्यानंद राय, नंदकिशोर यादव और हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी को न्योता भेजा था. उन लोगों ने आमंत्रण को स्वीकारते हुए भोज में शामिल होने की बात कही थी.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि लालू प्रसाद ने इस बार बीजेपी के नेताओं को मकर संक्रांति के मौके पर दही चूड़ा के भोज पर आमंत्रित क्यों किया? दरअसल, इसकी वजह यह है कि जनता दल यूनाइटेड की तरफ से भी 15 जनवरी को चूड़ा दही के भोज का आयोजन किया गया और उसमें बीजेपी के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया. सूत्रों के मुताबिक जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हरी झंडी मिलने के बाद ही आमंत्रित किया है.
माना जा रहा है कि जिस तरीके से हाल ही में प्रकाश पर्व के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच में जुगलबंदी देखने को मिली थी उसी का परिणाम यह है कि जनता दल यूनाइटेड की तरफ से 2013 में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी नेताओं को पहली बार आमंत्रित किया गया है. शायद नीतीश के बीजेपी नेताओं को आमंत्रित करने के कारण लालू नें भी भाजपा नेताओं को न्योता भेजा.वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं की मानें तो जिस अंदाज में लालू के यहां से उन लोगों को दही चूड़ी के भोज में शामिल होने का न्योता मिला था वह उन्हें नागवार गुजरा. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा, लालू जी के यहां से हम लोगों को भोज का आमंत्रण आया था. भोला यादव ने फोन किया था मगर जयपुर में होने वाले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम ममें हम लोग काफी व्यस्त हैं और भोज में शामिल नहीं हो पाएंगे.