बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल परिवार एक साथ मैदान में उतरेगी. लेकिन विलय की आधिकारिक घोषणा के बावजूद अभी तक सीएम पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है. सुगबुगाहट है कि परिवार में एक चिन्ह और एक झंडे से इतर 'एक नेता' के नाम नाम को लेकर सबकुछ ठीक नहीं है, वहीं लालू प्रसाद ने कहा है कि अगर चारा घोटाला मामले में कोर्ट उन्हें बरी कर देती है तो सीएम पद की रेस में हैं.
यह दिलचस्प है कि महाविलय की घोषणा के ठीक बाद लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच की खाई चौड़ी होती जा रही है. लालू प्रसाद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार के सामने हर मामले में अपनी दावेदारी ठोकी है. फिर बात चाहे मुख्यमंत्री का चेहरे की हो या फिर गठबंधन में सीटों की दावेदारी. लालू प्रसाद ने पहली बार खुलकर कहा कि प्रदेश में 145 सीटों पर उनका दावा बनता है.
ये सीएम पद की दौड़ है
लालू प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि वो फिलहाल मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं क्योंकि वो सजायाफ्ता हैं. लेकिन अगर जयललिता की तरह वो भी बेदाग बरी हुए तो उनकी भी दावेदारी न सिर्फ सीएम के पद पर होगी बल्कि पीएम पद के लिए भी हो जाएगी. लालू यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा, 'फिलहाल मेरे परिवार में कोई मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं है, लेकिन बिहार की जनता जिसे चाहेगी वही मुख्यमंत्री होगा. हालांकि आरजेडी प्रमुख ने साफ किया कि ये बातें कमरे में बैठकर तय नहीं की जा सकती हैं.
नीतीश को सीधा संकेत
मुख्यमंत्री पद पर लालू प्रसाद का ताजा बयान जाहिर तौर पर नीतीश कुमार के लिए एक संकेत है कि वह मुख्यमंत्री पद के बदले सीटों का सौदा करने वाले हैं. लालू प्रसाद हर मामले में नीतीश के साथ खड़े होने को तैयार नहीं हैं.
'साथ लड़ेंगे चुनाव'
लालू प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में आरजेडी और जेडीयू साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, चेहरा कौन होगा और किसको कितनी सीटें मिलेंगी इसपर लालू प्रसाद ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लालू प्रसाद ने रधुवंश प्रसाद सिंह की उस बात का समर्थन किया, जिसमें आरजेडी 145 सीट पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है.