बिहार में एक-दूसरे के धुर विरोधी से 'करीबी' बने लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच फिर दरार दिखने लगी है. जद(यू) नेता जीतन राम मांझी की सरकार को समर्थन देने वाले लालू ने नीतीश पर तंज कसना शुरू कर दिया है. नीतीश के समर्थन मांगने पर लालू ने कहा कि जब उनके घर में आग लगी है तो अब दमकल ढूंढ रहे हैं.
लालू ने यह भी कहा कि जीतन राम मांझी सरकार को राजद के समर्थन को गलत तरीके से लिया गया. अब समर्थन पर फैसला विधायकों से बातचीत के बाद होगा. उन्होंने कहा, 'समर्थन का फैसला दिल्ली से अपने बैग में लेकर नहीं आए हैं, पटना में विधायकों से रायशुमारी के बाद होगा.'
लालू यादव ने यह भी दावा किया कि उन्होंने खुद नीतीश कुमार को टेलीफोन किया था और राजनीति के कुछ टिप्स भी दिए.
लालू की ताजा बयानबाजी से साफ है कि राजद प्रमुख एक तरफ नीतीश को उनके अहंकार का एहसास दिला रहे हैं तो दूसरी ओर अपने विधायकों का मूड भांपने में लगे हैं, वहीं नीतीश कुमार की अपील पर सकारात्मक भी दिखना चाहते हैं.
17 जून को लालू ने राजद विधायक दल की बैठक बुलाई है उसमें लालू नीतीश के समर्थन पर फैसला कर सकते हैं लेकिन लालू, फैसले के पहले अपने विधायकों का मूड भांप लेना चाहते हैं.
गौरतलब है कि नीतीश ने राज्यसभा चुनाव के लिए लालू से समर्थन की अपील की थी. नीतीश एक ओर लालू से समर्थन की अपील कर रहे हैं वहीं जेडी-यू के बागी विधायक भी लालू से नीतीश के साथ खड़ा नहीं होने की अपील कर रहे हैं.
बागी विधायकों के नेता ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि जिस नीतीश कुमार ने लालू यादव को 17 वर्षों तक जलील किया, उन्हें जेल भिजवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, इसलिए अब वो नीतीश की बातों में ना आएं. बहरहाल, लालू यादव को अपने खेमे में भी बगावत का डर सता रहा है क्योंकि चुनाव के वक्त कुछ विधायकों ने खुलकर नीतीश कुमार का तो कुछ ने बीजेपी का साथ दिया था ऐसे में लालू यादव नीतीश के साथ आने के पहले अपनी नींव मजबूत कर लेना चाहते हैं.