कांग्रेस नीत यूपीए के पुराने सहयोगी रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देशभर में अघोषित इमरजेंसी लगाने का आरोप लगाया.
कर्नाटक के मंत्री के आवास और रिजॉर्ट पर आयकर विभाग के छापों का जिक्र करते हुए आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, नरेंद्र मोदी ने रिजॉर्ट में छापा मरवाया. हम लोग के यहां छापा पड़ा. बड़े-बड़े लोगों के यहां क्यों नहीं (छापा) मरवाया? काला धन घूम रहा है और खोज रहे हैं नेताओं-कार्यकर्ताओं के यहां? जो बड़े लोग हैं उनके यहां से पैसा क्यों नहीं निकल रहा?' इसके साथ ही उन्होंने कहा, पूरे देश में भयावह स्थिति है. अघोषित इमरजेंसी 75% लागू हो चुकी है.'
Narendra Modi ne chhapa marwaya,resort mein. Bade bade logon ke yahan kyun nahi marwya? Aghoshit emergency 75% laagu ho gaya hai: Lalu Yadav pic.twitter.com/fLxJVojNWc
— ANI (@ANI_news) August 3, 2017
चारा घोटाले से जुड़े एक मामले के सिलसिले में रांची की अदालत में पेशी के लिए आए लालू यादव ने यहां नीतीश कुमार पर भी प्रहार करते हुए कहा कि नीतीश कुमार पलटूराम हैं. ये भी उनकी गोद में चले गए.
लालू प्रसाद ने इससे पहले मंगलवार को भी नीतीश कुमार पर करारा प्रहार करते हुए उन्हें सत्ता का लोभी और सबसे बड़ा पलटूराम करार दिया था. लालू ने कहा था कि नीतीश तेजस्वी यादव के अच्छे काम से डर गए थे और बहाना बनाकर बीजेपी के साथ मिल गए.
लालू ने नीतीश को आरएसएस का एजेंट बताते हुए उन्हें पिछड़ों का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया. उन्होंने कहा कि तेजस्वी सिर्फ बहाना थे. तेजस्वी अगर इस्तीफा भी दे देते तब भी नीतीश बीजेपी के साथ ही मिलते.
वहीं आरजेडी प्रमुख के बाद उनके बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार जी अपनी सहूलियत के हिसाब से अपनी अंतरात्मा को जगाते हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा, 'सरकार में आने के बाद मैंने भी अपने पहले बयान में जीरो टोरलेंस की बात कही थी. हम भी भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं. माननीय मुख्यमंत्री जी ने बीजेपी के साथ मिलकर हम पर आरोप लगवाए और ये खेल खेला.'
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार कैबिनेट पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी समेत बिहार कैबिनेट के लगभग 75 फीसदी मंत्री दागी हैं. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार जी अपनी सहूलियत के हिसाब से अंतरात्मा को जगाते हैं. ये अंतरात्मा है, कुर्सी आत्मा है, डर आत्मा है या मोदी आत्मा है?
भ्रष्टाचार का हवाला देकर लालू प्रसाद यादव के साथ महागठबंधन तोड़ बीजेपी के साथ बिहार में दोबारा सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार की नई नवेली कैबिनेट की छवि भी कुछ खास साफ-सुथरी नहीं है. चुनाव वाचडॉग संस्था द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नीतीश कुमार की कैबिनेट में 76 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश कुमार की नई कैबिनेट के 29 में से 22 मंत्री यानि 76 फीसदी मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी हैं.