scorecardresearch
 

कृष्ण, बावर्ची के बाद अब तेजप्रताप बने राजमिस्त्री, ट्व‍िटर पर पोस्ट की ये तस्वीरें

लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप को उनके अनोखे अंदाज के लिए जाना जाता है. इस बार तेज प्रताप राजमिस्त्री के रूप में नजर आ रहे हैं. इसके पीछे तेज प्रताप का मकसद क्या है, यह भी जान लीजिए...

Advertisement
X
राजमिस्त्री का काम करते तेजप्रताप
राजमिस्त्री का काम करते तेजप्रताप

Advertisement

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भले ही चारा घोटाले के मामले में इस वक्त रांची के बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे हैं, लेकिन उनके बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव इन सबसे बेफिक्र हर रोज नया रूप धारण करने में लगे हुए हैं.

तेज प्रताप यादव को इससे पहले भी मंत्री रहते हुए कई बार नए-नए रूप में लोगों ने देखा और अपने शौक के लिए चर्चा का विषय बने रहे. ताजा कारनामा यह है कि तेज प्रताप यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें वह ब्रांडेड कपड़े और जूते पहनकर राजमिस्त्री का काम करते हुए दिख रहे हैं.

तेज प्रताप जहां राजमिस्त्री का काम कर रहे हैं, वहीं उनके साथ दो और मजदूर भी उनके इस काम में उसकी मदद करते हुए नजर आ रहे हैं. तेज प्रताप के हाथ में करनी है और बालू-सीमेंट के मसाले से ईंट की जुड़ाई करते हुए दिख रहे हैं.

Advertisement

हालांकि, यह तस्वीरें तेज प्रताप यादव के आवास 10, सर्कुलर रोड में हो रहे किसी भवन निर्माण की है या फिर कोई अन्य भवन के निर्माण की इसको लेकर साफ जानकारी नहीं मिल पाई है.

ट्विटर पर तस्वीरों को पोस्ट करने के बाद तेज प्रताप ने श्रमिकों के शान में कसीदे भी पड़े हैं. तेजस्वी ने लिखा है कि श्रमिक समाज का महत्वपूर्ण अंग है तथा राष्ट्र निर्माण, विकास एवं अर्थव्यवस्था में श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है.

तेजप्रताप आगे लिखते हैं कि देश की विकसित अर्थव्यवस्था श्रमिकों की अच्छी स्थिति पर निर्भर करती है, मगर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में श्रमिकों की महत्वता को नजरअंदाज कर दिया जाता है.

वैसे यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप यादव किसी अनोखे रंग में नजर आए हों. राजमिस्त्री के रूप में नजर आने से पहले वह एक बार भगवान कृष्ण के रूप में भी नजर आए हैं और एक बार बावर्ची के रूप में जलेबियां छानते हुए भी दिखे थे.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तेज प्रताप के कृष्ण रूपी अवतार का संज्ञान लिया था और वह तेज प्रताप को कन्हैया कहकर संबोधित करते हैं.

Advertisement
Advertisement