आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के कथित सेवादार मनोज यादव और लक्ष्मण प्रसाद बिरसा मुंडा जेल से रिहा कर दिए गए. इसके बाद से ही दोनों सेवादार लापता बताए जा रहे हैं. पुलिस को भी उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है. इन दोनों को बुधवार शाम कोर्ट के आदेश के बाद रिहा कर दिया गया. बता दें, चारा घोटाले के दूसरे मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 23 दिसंबर को रांची के बिरसा मुंडा जेल में भेज दिया गया था.
मारपीट और छिनैती की शिकायत फर्जी
पुलिसिया जांच में सुमित यादव के द्वारा 23 दिसंबर को दर्ज कराई गई मारपीट और दस हजार रुपए की छिनैती की शिकायत झूठी पायी गई. गौरतलब है कि मदन यादव के रिश्ते के भतीजे सुमित यादव ने ही एक फर्जी शिकायत लोअर बाजार पुलिस थाने में कराई थी. इस शिकायत में सुमित के चाचा मदन के साथ लक्ष्मण महतो के नाम दर्ज था. इसके बाद दोनों आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. बाद में दोनों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया. वैसे इस घटना के तूल पकड़ने के बाद से शिकायतकर्ता सुमित भी गायब है.
साजिश के तहत दर्ज कराई गयी शिकायत
दरअसल, इन तीनों ने मिल कर एक साजिश रची थी ताकि फर्जी केस में जेल पहुंच कर अपने नेता लालू यादव की सेवा की जा सके. इस मामले में लोअर बाजार थाने के दारोगा सी.बी. सिंह की भूमिका की भी जांच की जा रही है. जिस वक्त शिकायत दर्ज कराई गयी थी उस समय सीबी सिंह ड्यूटी पर थे. गौरतलब है कि सुमित छिनैती की शिकायत के लिए पहले डोरंडा थाने गया था. थानेदार को मामला फर्जी लगने पर उन्होंने शिकायत दर्ज नहीं की थी.