चारा घोटाला के दुमका कोषागार केस में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सजा सुना दी गई है. रांची की सीबीआई कोर्ट ने लालू को इस केस में 7 साल की सजा सुनाई है. हालांकि, अभी तक कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं आई है. जिसके चलते सजा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
लालू यादव के वकील प्रभात कुमार ने बताया है कि लालू यादव को दुमका कोषागार केस में आईपीसी और पीसी की धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा सुनाई गई है. जिसमें आपराधिक साजिश जैसी धाराएं भी शामिल हैं. वहीं, 30-30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
Imprisonment of 7 years each has been given under IPC & Prevention of Corruption Act, both to run concurrently. Total fine will be Rs. 60 lakh. Sentence of previous case to also run concurrently: Prabhat Kumar, Lalu Yadav's lawyer on sentence in Dumka treasury case #FodderScam pic.twitter.com/r1d7r4PMwU
— ANI (@ANI) March 24, 2018
वकील विष्णु कुमार शर्मा ने दावा किया कि इस केस में दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी. उनके मुताबकि, लालू यादव को दो केस में अलग-अलग सजा सुनाई गई है. यानी एक केस की सजा खत्म होने के बाद दूसरे केस की सजा चलेगी. जिसके तहत लालू यादव को इस केस के लिए 14 साल जेल में गुजारने पड़ेंगे और 60 लाख का जुर्माना भरना पड़ेगा. उन्होंने यह भी बताया कि अगर लालू जुर्माने की रकम अदा नहीं करते हैं तो उन्हें एक साल अतिरिक्त जेल में रहना पड़ सकता है.
इन धाराओं में मिली सजा
लालू यादव के खिलाफ IPC की धारा 120 बी, 467, 420, 409, 468, 471, 477ए और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (PC Act) की धारा 13(2) रेड विथ 13(1)(सी)(डी) के तहत सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने दोनो में 7-7 साल सजा और 30-30 लाख का जुर्माना लगाया है.
नहीं मिली है आदेश की कॉपी
हालांकि, लालू यादव के वकील ने बताया कि उन्होंने अब तक कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली है. ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि क्या ये सजा अलग-अलग चलेंगी या फिर एक साथ.
बता दें कि अगर सजा एक साथ चली तो लालू यादव को 7 साल ही जेल में रहना पड़ेगा. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें 14 साल की सजा काटनी पड़ेगी. हालांकि, ऐसे केस में आमतौर पर सजा एक साथ ही चलती हैं. लालू यादव के खिलाफ अब तक तीन केस में जो सजा सुनाई गई है, वो भी एक साथ ही चल रही हैं.