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बिहार में RJD के परिवर्तन की ललकार, नीतीश के खिलाफ लालू ने भरी हुंकार

बिहार में लालू यादव ने परिवर्तन रैली का आयोजन किया लेकिन वो खुद तकरीबन तीन घंटे की देरी से गांधी मैदान पहुंचे. हालांकि वो जैसे ही मंच पर पहुंचे आरजेडी कार्यकर्ताओं का जोश देखने योग्य था. लालू द्वारा बुलाए गए इस रैली में कड़ाके की धूप के बावजूद भारी संख्या में आरजेडी कार्यकर्ताओं का हुजूम गांधी मैदान में जुटा.

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लालू प्रसाद
लालू प्रसाद

एक महीने से लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप जिस परिवर्तन रैली के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए थे, आखिरकार उसकी बारी अब आ गई है. बिहार में लालू यादव ने परिवर्तन रैली का आयोजन किया लेकिन वो खुद तकरीबन तीन घंटे की देरी से गांधी मैदान पहुंचे. हालांकि वो जैसे ही मंच पर पहुंचे आरजेडी कार्यकर्ताओं का जोश देखने योग्य था. लालू द्वारा बुलाए गए इस रैली में कड़ाके की धूप के बावजूद भारी संख्या में आरजेडी कार्यकर्ताओं का हुजूम गांधी मैदान में जुटा.

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इस दौरान लालू के दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्विनी ने मंच से गांधी मैदान में मौजूद कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया. लालू यादव के साथ रैली में हिस्सा लेने के लिए बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बड़ी मीसा भारती भी मौजूद हैं.

गौरतलब है कि इस रैली को सफल बनाने के लिए करोड़ों में ट्रेन बुक किए जाने के साथ हर तिकड़म किए गए हैं. इस रैली के लिए मंगलवार रात ही हजारों की संख्या में आरजेडी कार्यकर्ता पटना में जुट गए. लालू ने देर रात कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका उत्साह बढ़ाया तो आरजेडी के कुछ विधायकों ने लालू की हिदायत के बावजूद विशेष नाचगानों का भी इंतजाम कर दिया.

कहीं भोजपुरी गाने पर समर्थक झूमे तो कहीं बार बालाओं ने झुमाया.

मंच तैयार है, बैनर पोस्टर सज गए हैं. लालू 'कृष्ण' तो राबड़ी 'देवी' अवतार में पटना की सड़कों की शोभा बढ़ाने लगे हैं. लालू-राबड़ी ही क्यों उनके दो बेटों तेजस्वी और तेज प्रताप की भी महिमा गाई जा रही है.

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बस इंतजार इस बात का है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश की नींद उड़ाने के लिए पटना का ये गांधी मैदान आरजेडी समर्थकों से खचाखच भर जाए. इसका भी इंतजाम लालू ने बीती रात कर दिया.

बात अगर उस दौर की होती जब बिहार की सत्ता लालू के कदमों पर होती थी तो लालू रातों की नींद यूं सड़कों पर जाया नहीं करते, लेकिन अब हालात बदल गए हैं, सालों से सत्ता की सुखद छांव लालू के नसीब में नहीं. लालू से बैरन हुई सत्ता नीतीश के चंगुल से छूटने को भी तैयार नहीं, इसलिए लालू को अब मेहनत करनी पड़ रही है.

लालू पूरे लाव लश्कर के साथ देर रात तक पटना में घूम-घूमकर परिवर्तन रैली में गांधी मैदान पहुंचने का न्यौता पटनावासियों को बांटते रहे और फिर अपने उन समर्थकों के बीच भी पहुंचे जो बिहार के अलग-अलग इलाकों से आकर पटना में अड्डा जमा चुके थे.

लालू ने अपने समर्थकों के सामने न सिर्फ 2015 में बिहार में नीतीश सरकार के सफाए का दम भरा बल्कि उनका हौसला बढ़ाने के लिए उन्हीं के साथ भोजपुरी गाने का भी आनंद लिया. लालू गए और इधर उनके समर्थक बिहार में परिवर्तन लाने की लड़ाई की सुबह से पहले मनोरंजन के सागर में गोते लगाने लगे.

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लालू ने सख्त हिदायत दी थी लेकिन आरजेडी के कुछ विधायकों ने प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से आए समर्थकों के मनोरंजन के लिए विशेष नाच-गानों का प्रबंध कर ही दिया. रात भर आरजेडी समर्थक डेढ़ करोड़ में बुक की गई 13 स्पेशल ट्रेनों और दूसरे साधनों से पटना पहुंचते रहे और विधायक निवास से लेकर जगह-जगह बनाए गए ठहरने के कैंपो में हर तरह के मनोरंजन का आनंद लेते रहे.

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