बिहार बीजेपी के बड़े नेता सुशील मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बीच एक बार फिर ट्विटर पर जुबानी जंग शुरू हो गई है. सुशील मोदी ने रविवार को ट्वीट कर लिखा कि लालू यादव उनके रिश्तेदारों पर आरोप लगा रहे हैं, ताकि मैं उनके घोटालों को उजागर ना कर सकूं. सुशील मोदी के इस आरोप पर लालू भड़क गये, और उन्होंने ट्वीट किया कि 'रिश्तेदार बताते हो, बताओ आरके मोदी तुम्हारा फूफा है या मौसा? रिश्तेदारी की चादर लंबी होती है, मां-जाए सगे भाई को रिश्तेदार मत बनाओ.' आपको बता दें कि सुशील मोदी ने हाल ही में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर मिट्टी घोटाले के आरोप लगाए थे.
Lalu has started putting pressure on my relatives so that I stop exposing Lalu.I can't be blackmailed by convicted lalu.
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) April 23, 2017
रिश्तेदार बताते हो, बताओ R.K मोदी तुम्हारा मौसा है या फूफा?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) April 24, 2017
रिश्तेदारी की चादर लम्बी होती है माँ-जाये सगे भाई को रिश्तेदार मत बताओ। https://t.co/Zvpu65ux5M
क्या है मिट्टी घोटाला ?
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद यादव के परिवार पर मिट्टी घोटाला करने का आरोप लगाया. आरोपों के मुताबिक राजधानी पटना में बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा है. इस मॉल का मालिकाना डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के पास है. इस कंपनी में आरजेडी अध्यक्ष के लालू प्रसाद के बड़े बेटे और राज्य के पर्यावरण एवं वन मंत्री तेजप्रताप यादव, छोटे बेटे और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनकी बेटी चंदा यादव डायरेक्टर हैं.
आरोपों के मुताबिक इस मॉल का मालिकाना लालू प्रसाद यादव के परिवार के पास है. आरोप है कि मॉल की मिट्टी को पर्यावरण एवं वन विभाग ने टेंडर निकाले बिना ही 90 लाख रुपए में खरीद लिया. इस तरह मोदी के मुताबिक मिट्टी घोटाले का पूरा फायदा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार को मिला.
लालू की भूमिका पर सवाल!
बीजेपी नेता मोदी के मुताबिक यह वही कंपनी है जिसको लेकर बिहार के वर्तमान जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने साल 2008 में आरोप लगाया था. आरोप था कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के रांची और पुरी के दो होटलों को गलत तरीके से होटल सुजाता के हर्ष कोचर को बेच दिया. इसके बदले में कोचर ने डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को एक ही दिन में दस निबंधन के जरिए पटना में दो एकड़ जमीन हस्तांतरित की थी. यानी इस पूरे मामले में तार कहीं न कहीं लालू प्रसाद यादव से भी जुड़ जाते हैं.