राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सीबीआई ने रेलवे जमीन आवंटन मामले में लालू यादव और तेजस्वी यादव को समन किया है. लालू यादव को CBI के सामने 11 सितंबर और तेजस्वी यादव को 12 सितंबर को पेश होना है.
#CBI summons #LaluYadav, son Tejashwi in alleged IRCTC hotels scam. Yadav asked to appear on Sep 11 for questioning, Tejashwi on Sep 12
— Press Trust of India (@PTI_News) September 7, 2017
इस मामले में लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेज प्रताप के अलावा दो कपंनियों के डायरेक्टरों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. लालू पर आरोप है कि रेलमंत्री रहने के दौरान उन्होंने रांची और पुरी समेत अन्य रेलवे होटलों के विकास और मरम्मत का ठेका निजी कंपनियों को दिया था.
दरअसल रांची और पुरी के चाणक्य बीएनआर होटल जोकि रेलवे के हेरिटेज होटल थे. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए इन होटलों को अपने करीबियों को लीज पर बेच डाला था. ये दोनों होटल अंग्रेजों के जमाने के थे इसीलिए इसका ऐतिहासिक महत्व था पर अब नहीं रहा क्योंकि इन होटल्स को पूरा रेनोवेटेड कर दिया गया है.
प्रसाद एवं उनके परिवार के खिलाफ एक हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति का मामला रांची और पुरी से जुड़ा हुआ है. लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे तब रेल मंत्रालय ने रांची एवं पुरी के ऐतिहासिक होटल बीएनआर को लीज पर देने का निर्णय लिया.
इस लीज के लिए रांची के कुछ होटल व्यवसाइयों के अलावा लालू प्रसाद के निकट के सहयोगी एवं झारखंड से राज्यसभा के सांसद प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी दोनों होटलों को लेने में सफल रहे और रांची के बीएनआर होटल को पटना के प्रसिद्ध होटल चाणक्य के संचालक हर्ष कोचर को 60 साल के लिए लीज पर मिल गया.
पहले तो लीज की अवधि 30 वर्ष रखी गयी, परन्तु बाद में इसकी अवधि बढ़ाकर साठ साल कर दी गई. आरोप है कि इन दोनों होटलों को लीज पर देने की जितनी कीमत राज्य सरकार को मिलनी चाहिए वह नहीं मिली. वैसे इस मामले में लालू प्रसाद का कहना है कि रेलवे ने नियम के तहत इन होटलों को लीज पर दिया था और इससे उनका कोई लेना देना नहीं है.