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OBC आरक्षण खत्म करने पर लालू ने पीएम को लिखा खत, आंदोलन की दी धमकी

राष्ट्रीय जनता लोकदल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा है. उन्होंने खत में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों के लिए अन्य पिछड़े वर्ग के लिए यूजीसी की तरफ से आरक्षण खत्म करने का मुद्दा उठाया है.

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आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव

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राष्ट्रीय जनता लोकदल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखा है. उन्होंने खत में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों के लिए पिछड़े वर्ग के लिए यूजीसी की तरफ से आरक्षण खत्म करने का मुद्दा उठाया है.

अपने खत में लालू ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार नियमों और प्रावधानों को ताक पर रखकर ओबीसी उम्मीदवारों से उनका हक छीन रही है. उन्होंने पीएम मोदी से निजी तौर पर इस मामले को देखने और ओबीसी उम्मीदवारों का आरक्षण खत्म करने के फैसले पर मानव संसाधन मंत्रालय से रिपोर्ट लेने की मांग की है.

लालू ने कहा कि यूजीसी से इस फैसले पर पीएम मोदी को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और मामले पर अपना रुख साफ करना चाहिए.

पिछड़े और दलित वर्ग से कितने प्रोफेसर
आरजेडी प्रमुख ने पूछा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पिछड़े, दलित और आदिवासी वर्ग से कितने लोग प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्त हैं और क्या उनकी कुल संख्या उन्हें मिलने वाले आरक्षण के अनुपात में है या नहीं.

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विजय माल्या पर निशाना
कुछ दिन पहले अनुसूचित जनजातियों के विद्यार्थियों को मिलने वाली फेलोशिप को भी यह हवाला देते हुए रोक दिया गया था कि धनराशि की कमी है. उन्होंने पूछा कि कम धनराशि का हवाला सिर्फ कमजोर वर्ग के लोगों से जुड़ी योजनाओं में ही क्यों दिया जाता है जबकि दूसरी तरफ सरकार की नाक के नीचे से हजारों करोड़ों का घालमेल कर उद्योगपति आसानी से विदेश भाग जाते हैं. लालू ने भारत के बैंकों का पैसा लेकर विदेश जा चुके विजय माल्या पर निशाना साधा है.

आरएसएस के बताए रास्ते पर चलने का लगाया आरोप
लालू ने कहा कि ये साफ हो चुका है कि केंद्र सरकार दक्षिणपंथी वैचारिक संस्था आरएसएस के बताए मार्ग पर चलकर गरीबों, दलितों, एससी/एससी और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण खत्म कर रही है. लालू ने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान आरएसएस ने आरक्षण खत्म करने की बात कही थी और केंद्र सरकार उसी की बात पर अमल कर रही है.

आंदोलन पर उतरने की धमकी
लालू ने खत में कहा कि आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं बल्कि एक संवैधानिक अधिकार है. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन करने की भी धमकी दी है.

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