पत्नी के साथ तलाक के मसले को लेकर कुछ दिनों तक अपने परिवार और राजनीति से दूर रहे बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने सोमवार को पार्टी प्रमुख के कक्ष में बैठने के साथ जनता दरबार लगाकर पार्टी कार्यालय आए लोगों की समस्याएं सुनीं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अगर पार्टी के नेतृत्व का अवसर दिया गया तो, मैं पीछे नहीं हटूंगा.
अपने छोटे भाई और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ मतभेद की अटकलों को खारिज करते हुए तेजप्रताप ने इसे दुष्प्रचार बताया और कहा कि उन्होंने एक जनप्रतिनिधि और पार्टी नेता के तौर पर जनता की समस्या को सुनने के लिए जनता दरबार लगाने की शुरूआत की है और इसे नियमित रूप से जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि उनके पिता लालू यादव भी ऐसे ही अपने पास आए लोगों से मिलकर उनकी फरियाद सुना किया करते थे.
छोटे भाई तेजस्वी को प्रदेश को मुख्यमंत्री बनवाने और स्वयं पार्टी की कमान संभालने के प्रयास में लगे होने की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर तेजप्रताप ने इसे गलत और अफवाह बताया. यह पूछे जाने कि अगर उन्हें पार्टी की कमान सौंपी जाती है तो क्या वह उसे स्वीकार करेंगे, तेजप्रताप ने कहा, ‘‘अगर हमें ऐसा मौका मिलता है और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद हमें यह जिम्मेदार सौंपतें हैं तो हम उसे जरूर निभाएंगे. इससे पीछे नहीं हटेंगे.’’
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी सभी के सहयोग से चलती है. पार्टी में सबकी अपनी-अपनी जिम्मेदारी है और वह अपना-अपना दायित्व निभाते हैं. पारिवारिक समस्या के कारण करीब दो महीने से राजनीति से दूर रहे तेजप्रताप ने बिहार में शराबबंदी के विफल होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि प्रदेश में शराब की होम डिलेवरी हो रही है.
तेजप्रताप ने दावा किया कि अगले साले होने वाले लोकसभा चुनाव और 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राजग का प्रदेश से सफाया हो जाएगा.