लालू यादव को सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में तलब किया है. बता दें कि नौकरी के बदले जमीन के घोटाले के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर लालू यादव से सीबीआई कल दिल्ली में पूछताछ करेगी. इससे पहले सोमवार सुबह ही CBI की टीम ने लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की. सीबीआई ने राबड़ी देवी से करीब 4 घंटे तक पूछताछ की.
जानकारी के मुताबिक CBI ने जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में राबड़ी देवी से पूछताछ की. सीबीआई की पूछताछ खत्म होने के बाद राबड़ी देवी जब विधान परिषद के लिए जा रही थीं, तब उनसे सवाल पूछा गया. इसपर राबड़ी देवी भड़क गईं. उन्होंने कहा कि CBI आई तो क्या करें? हमारे यहां हमेशा सीबीआई आते रहती है.
कोर्ट ने पहले ही भेजा था लालू, राबड़ी समेत 14 लोगों को समन
गौरतलब है कि इस घोटाले के मामले में कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित 14 आरोपियों को समन जारी कर 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है. ये समन ऐसे वक्त पर जारी हुआ है, जब लालू सिंगापुर से हाल ही में गुर्दा बदलवाकर स्वदेश लौटे हैं.
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?
दरअसल लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है. ये घोटाला उस वक्त का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.
बेहद कम दामों में लालू परिवार ने खरीदीं जमीनें
इस स्कैम को लेकर सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों की डील नकद में हुई थी. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं.
जमीन के बदले मिली नौकरी
जांच में सीबीआई ने ये भी पाया कि जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. लेकिन, जिन परिवारों ने यादव परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्ति दी गई.