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लालू के रहमोकरम पर नीतीश

जेडी (यू) के प्रमुख शरद यादव बिहार से राज्य सभा के लिए चुने जा चुके हैं. उनका चुनाव निर्विरोध हुआ है. लेकिन वहां की दो बची हुई सीटों पर जबर्दस्त लड़ाई है. इन सीटों के लिए घमासान मचा हुआ है और दो निर्दलीय ताल ठोंक कर मैदान में खड़े हैं. इन्हें पीछे से बीजेपी का सपोर्ट है और पार्टी के विक्षुब्ध लोग इनका खुले आम साथ दे रहे हैं.

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लालू यादव
लालू यादव

जेडी (यू) के प्रमुख शरद यादव बिहार से राज्य सभा के लिए चुने जा चुके हैं. उनका चुनाव निर्विरोध हुआ है. लेकिन वहां की दो बची हुई सीटों पर जबर्दस्त लड़ाई है. इन सीटों के लिए घमासान मचा हुआ है और दो निर्दलीय ताल ठोंक कर मैदान में खड़े हैं. इन्हें पीछे से बीजेपी का सपोर्ट है और पार्टी के विक्षुब्ध लोग इनका खुले आम साथ दे रहे हैं.

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ऐसे में जेडी (यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार के सामने विकट स्थिति है. यह जानकारी द इकोनॉमिक टाइम्स ने दी है. अखबार के मुताबिक जेडी (यू) के एक दर्जन से भी अधिक विधायक पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों को हराने में जुटे हैं. वे बीजेपी के साथ काम कर रहे हैं. राज्य सभा की दो सीटों का चुनाव 19 जून को होगा. राज्य सभा के तीन सदस्यों राजीव प्रताप सिंह रूडी, राम विलास पासवान और राम कृपाल यादव के इस्तीफा देने से ये सीटें खाली हुई हैं.

विक्षुब्धों ने शरद यादव के खिलाफ कोई उम्मीदवार तो नहीं खड़ा किया लेकिन उन्होंने बीजेपी के एमएलसी दिलीप जायसवाल और अनिल शर्मा को जेडी (यू) के उम्मीदवार पवन वर्मा के खिलाफ खड़ा कर रखा है. दूसरी ओर उन्होंने गुलाम रसूल के खिलाफ शाबिर अली को मदद देने की मंशा जताई है. वेसे जायसवाल ने मैदान छोड़ दिया है लेकिन अनिल शर्मा अभी खड़े हैं. यहां दो सीटों के लिए सीधा मुकाबला है.

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अब सभी की निगाहें आरजेडी पर है जिसके पास 21 एमएलए हैं और पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. चुनाव में जो गणित है उसके हिसाब से आरजेडी के समर्थन के बिना जेडी (यू) के लिए सीटें जीतना मुश्किल होगा. हालां‍कि लालू जीतन राम मांझी सरकार को सपोर्ट दे रहे हैं लेकिन अभी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.

पहले तो पार्टी ने कहा था कि पार्टी इस मामले में कोई व्हिप जारी नहीं करेगा लेकिन अब उसने कहा है कि पार्टी प्रेसीडेंट इस मामले में फैसला करेंगे. यानी अब गेंद लालू यादव के पाले में है और उनके सपोर्ट के बिना नीतीश के उम्मीदवारों का जीतना संभव नहीं दिखता.

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