बिहार के मुख्यमंत्री की अपील का अभी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद पर कोई असर नहीं दिख रहा है. नीतीश ने उनसे राज्य सभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों की मदद की गुहार लगाई थी. यह खबर एक अंग्रेजी अखबार ने दी है.
लालू यादव ने बताया कि नीतीश कुमार ने शनिवार को फोन करके मुझसे राज्य सभा चुनाव में मदद मांगी थी. मैं इस बाबत आरजेडी के विधायकों तथा शुभचिंतकों की राय लूंगा. उसके बाद ही कोई फैसला करूंगा. नीतीश कुमार की पार्टी जेडी(यू) ने राज्य सभा चुनाव के लिए तीन उम्मीदवार खड़े किए थे जिनमें शरद यादव निर्विरोध चुने जा चुके हैं. अब मैदान में दो उम्मीदवार गुलाम रसूल बलियावी और पूर्व राजदूत पवन वर्मा खड़े हैं. दूसरी ओर विक्षुब्ध विधायकों ने साबिर अली तथा रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के एमडी अनिल शर्मा को सपोर्ट करने की मंशा जताई है.
आरजेडी की विधान सभा में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. वे अगर मदद करें तो जेडी(यू) के उम्मीदवारों की नाव पार लग सकती है. नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई से उनके लिए समर्थन मांगा है. उन्होंने कहा कि हम सभी का दुश्मन बीजेपी है और वह बिहार में जल्दी चुनाव करवाना चाहती है. उन्होंने कहा कि बिहार में समय पूर्व चुनाव से रोकने के लिए हमें एक होना होगा.
लालू प्रसाद की पार्टी ने विधान सभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान नीतीश सरकार का साथ दिया था. लेकिन उसके बाद लालू प्रसाद ने कहा कि यह सिर्फ एक बारा का मामला है और उसके बाद पार्टी जेडी(यू) का सपोर्ट करती रहेगी. इसके बाद ही लालू प्रसाद की पार्टी के तीन विद्रोही विधायकों को मंत्री पद दे दिया गया. इससे वह और नाराज हो गए.