चारा घोटाले में आरोपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं. वजह है कि सीबीआई की विशेष अदालत में लालू प्रसाद की ओर से चारा घोटाले में अपना पक्ष रखा जा रहा है.
इसके साथ ही उनके जेल जाने के कयासों की उलटी गिनती भी शुरू हो गई है. इसके पहले लालू प्रसाद की ओर से चारा घोटाले की सुनवाई को लम्बा खींचने के लिए तमाम हथकंडे अपनाये गए. हद तो तब हो गयी जब लालू यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर RC 20A/96 मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज के जेडीयू विधायक की नजदीकियों का हवाला देते हुए चारा घोटाले की सुनवाई किसी दूसरे कोर्ट में ट्रान्सफर करने की मांग की गई थी.
हालांकि लालू प्रसाद अपनी दलीलों से न तो हाई कोर्ट को और न ही सुप्रीम कोर्ट को संतुष्ट कर सके. लिहाजा एक के बाद एक दोनों कोर्ट में उनकी अपील खारिज हो गई, जिससे लालू प्रसाद के मामले को टालने की सारे प्रयास विफल साबित हो गए और सीबीआई की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हो गयी. इसी सिलसिले में सोवार से लालू प्रसाद अपना पक्ष रख रहे है. इस मामले में उनपर चाईबासा कोषागार से लगभग 37 करोड़ 70 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप है.
गौरतलब है की इस मामले में अभियोजन पक्ष की गवाही पूरी हो चुकी है. वहीं कुल 392 आरोपियों में से लालू यादव को छोड़ लगभग सभी आरोपियों के बयान दर्ज किये जा चुके है. बताते चले कि RC 20A/96 मामले में लालू प्रसाद के साथ-साथ डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा सहित कई हाई प्रोफाइल लोग आरोपी है. अब इस इसके बाद अगले कुछ दिनों में इस केस का फैसला आ जाने की उम्मीद है. फिलहाल अभी तक पशुपालन घोटाले के तहत दर्ज 53 मुकदमों में से 44 में फैसला आ चुका है.
चारा घोटाले के इस हाई प्रोफाईल मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर छह मामले है. इनमें से पांच रांची और एक पटना के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में सूचीबद्ध है. जिसमें आज की मुकदमे के अलावा चाईबासा कोषागार से साल 92-93 में 37.68 करोड़ का RC 68A/96 का मामला है. जिसकी गवाही चल रही है.
RC 47A /96 रांची के डोरंडा से अवैध निकासी का मामला है जिसमे 184 करोड की निकासी हुई है जिसकी गवाही चल रही है. RC 38A /96 दुमका कोषागार से 3.47 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है. जिसकी गवाही चल रही है. RC 64A /96 में देवघर कोषागार से 97 लाख की अवैध निकासी का मामला है जिसकी गवाही चल रही है. RC 63A/96 भागलपुर ट्रेजरी का मामला है जिसकी सुनवाई पटना के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में हो रही है. लालू पर चल रहे इन सभी मामलो में अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रावधान है.
साल 1994 में पशुपालन विभाग में चारा खरीदने के मद में हुए अवैध निकासी के इन मामलो में 1996 में ही केस दर्ज किया गया था और कुल 111 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था जिसमे 31 पशुपालन विभाग से जुड़े अधिकारी है. बाकी विभाग के कर्मचारी और आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. अब तक जिन मामलों का फैसला आ चुका है उनमें चारा घोटाले की कांड संख्या RC 31/96 में सीबीआई की विशेष अदालत ने 41 आरोपियों को सजा सुनाई थी.
इस मामले में रांची की डोरंडा कोषागार से अवैध रूप से 48 करोड़ रुपये निकासी की गई थी. अदालत ने पशुपालन विभाग के तीन अधिकारियों को 2-2 करोड़ का जुर्माने के साथ सात साल कैद की सजा सुनाई. आरोपियों में पूर्व रूरल डायरेक्टर के एन झा, जुनल भेंगराज और असिस्टेंट डायरेक्टर के एम प्रसाद शामिल थे. वहीं गोड्डा कोषागार से 37 लाख की अवैध निकासी के मामले RC -33/96 में 10 आरोपियों को सजा सुनायी गयी जिसमे आरजेडी के पूर्व सांसद आरके राणा और बीजेपी के पूर्व एमएलए ध्रुव भगत को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई थी.
वहीं अगर कोर्ट की नजर में लालू प्रसाद दोषी साबित होते है और उन्हें सजा मिलती है तो उनके पॉलिटिकल करियर पर ग्रहण लग सकता है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के हाल के आदेश के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को दो साल से अधिक की सजा मिलती है तो वो शख्स चुनाव नहीं लड़ सकता है. ऐसे में आनेवाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर सभी की निगाह टिकी है.