केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की छापेमारी पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू यादव ने चुप्पी तोड़ी है. चारा घोटाले में रांची कोर्ट में शुक्रवार की सुबह पेशी के बाद बाहर निकले लालू ने सीबीआई छापेमारी को राजनीतिक साजिश करार दिया.
नरेंद्र मोदी को हटाकर लेंगे दम!
आरजेडी नेता ने कहा कि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. सारा काम सिस्टम से हुआ है. सब कुछ एनडीए के दौर में हुआ. मैं रांची में हूं, मेरा परिवार पटना में और छापे चल रहे हैं. ये बीजेपी और आरएसएस की साजिश है. हम नरेंद्र मोदी को हटाकर ही दम लेंगे. देश की हालत बदतर है. कुछ भी गलत नहीं किया है.
2006 में शुरू हुआ IRCTC का ओपन टेंडर
उन्होंने ने कहा कि पूरे प्रकरण में नियमों का पालन किया गया है. 1999 में आईआरसीटीसी का गठन हुआ. 2002 में काम शुरू हुआ और 2003 में रेलवे ने होटल-यात्री निवास को आईआरसीटीसी को सौंपा. 2006 में आईआरसीटीसी ने ओपन टेंडर शुरू किया.
लालू ने कहा कि यह सीबीआई की गलती नहीं है, ये नरेंद्र मोदी और अमित शाह हैं जो केंद्र में बैठकर जांच एजेंसी को निर्देश दे रहे हैं. राजद नेता ने कहा कि छापेमारी की कार्रवाई की जानकारी मीडिया को भी नहीं है और सीबीआई ने रेड डाल दी और केस दर्ज कर ली गई.
लालू बोले- सीबीआई से नहीं डरता
राजद नेता ने कहा कि सीबीआई छापेमारी की अब आदत हो गई है. जांच एजेंसी से मैं नहीं डरता. हमारी लड़ाई केंद्र सरकार के अहंकार के खिलाफ है. लालू ने कहा कि वे जानते हैं कि लालू लगातार मजबूत होते जा रहे हैं और ये लड़ाई 2019 में उन्हें हटाने के लिए है.
अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि 1999 में आईआरसीटीसी का गठन हुआ और तब लालू मंत्री नहीं था. 2002 में आईआरसीटी काम करने लगी.
वाजपेयी सरकार में हुआ हैंडओवर
लालू ने कहा कि 2003 में दिल्ली, हावड़ा, रांची यात्री निवास आईआरसीटीसी को हैंडओवर किया गया और उस वक्त वाजपेयी सरकार सत्ता में थी. 31 मई 2004 को लालू रेल मंत्री बने और ये यात्री निवास आईआरसीटीसी को हैंड ओवर किए जा चुके थे.
उन्होंने कहा कि 2006 में इसी नीति के तहत कुछ होटलों की मरम्मत और देखभाल के लिए ओपन टेंडर निकाले गए. होटलों को 15 साल के लिए लीज पर दिया गया. समझौते के तहत पार्टी को 15 साल तक लाइसेंस फीस चुकाना था. दिल्ली यात्री निवास को टाटा ग्रुप ने लीज पर लिया.
समझौते के तहत IRCTC को मिलना था 1 करोड़
समझौते के बाद आईआरसीटीसी को लाइसेंस फीस के तौर पर एक करोड़ मिलना था. लालू ने कहा कि कोई भी व्यक्ति यह नहीं दिखा सकता है कि कागज पर लालू यादव ने हस्ताक्षर किए हैं.
राजद नेता ने कहा कि आज हालत ये है कि केंद्र सरकार रेलवे की कैटरिंग सेवाओं को प्राइवेट कंपनियों को दे रही है.