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INDIA गठबंधन की बैठक में न साथ गए, ना ही की बाचतीत... लालू और नीतीश में सब ठीक-ठाक है?

बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बीच इंडिया गठबंधन की दिल्ली बैठक में दूरियां दिखीं. पिछली दो बैठकों में दोनों नेता साथ-साथ गए थे लेकिन इसबार अलग-अलग पहुंचे. बैठक के दौरान भी लालू-नीतीश के बीच कोई बातचीत नहीं हुई.

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लालू यादव और नीतीश कुमार
लालू यादव और नीतीश कुमार

पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद ही कांग्रेस ने विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं की 6 दिसंबर को बैठक बुला ली थी. इस बैठक के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कुछ नेताओं ने ना कर दी थी. कांग्रेस एक्टिव हुई और सभी नेताओं की मौजूदगी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू यादव को सौंप दी.

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हेमंत सोरेन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े और बाकी नेता बैठक में मौजूद रहे लेकिन इस दौरान लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच दूरियां भी साफ नजर आईं. लालू यादव और नीतीश कुमार के बीच कोई बातचीत भी नहीं हुई. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई लालू और नीतीश के बीच दूरियां बढ़ गई हैं? ये सवाल केवल इसलिए नहीं उठ रहे कि इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान कोई बातचीत नहीं हुई, इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि इंडिया गठबंधन की शुरुआती तीन बैठकों में ये दोनों नेता साथ-साथ ही नजर आए हैं.

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इंडिया गठबंधन की दूसरी बैठक बेंगलुरु और तीसरी बैठक मुंबई में हुई थी. इन दोनों ही बैठकों में शामिल होने के लिए नीतीश कुमार, लालू यादव और तेजस्वी यादव, तीनों नेता साथ-साथ पहुंचे और साथ-साथ ही वापस पटना लौटे भी. लेकिन दिल्ली की बैठक में ऐसा नहीं हुआ. लालू यादव और तेजस्वी यादव सोमवार की सुबह दिल्ली रवाना हुए तो वहीं नीतीश कुमार शाम की फ्लाइट से. पटना में हुई पहली बैठक से पहले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, दोनों ही नेताओं ने लखनऊ, कोलकाता, भुवनेश्वर, चेन्नई और दिल्ली तक के दौरे साथ-साथ किए. लेकिन हाल के दिनों में दूसरी तस्वीर नजर आई.

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इस महीने के पहले पखवाड़े में 10 दिसंबर को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई थी. गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई बैठक में बिहार के सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जरूर साथ नजर आए थे लेकिन इसके बाद कई ऐसे मौके आए जहां दोनों नेताओं को साथ होना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आइए, नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ मौकों पर.

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11 दिसंबरः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार कार्यक्रम में थे लेकिन तेजस्वी यादव इस जनता दरबार में शामिल नहीं हुए. वह भी तब, जब जनता दरबार में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े मामलों की भी सुनवाई होनी थी. स्वास्थ्य विभाग तेजस्वी यादव के पास ही है.

12 दिसंबरः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्वी चंपारण के केसरिया में पर्यटन विभाग के कार्यक्रम में शामिल हुए. पर्यटन विभाग तेजस्वी यादव के पास है लेकिन वह नीतीश के साथ इस मौके पर मौजूद नहीं थे. 12 दिसंबर को ही तेजस्वी यादव के बगैर ही नीतीश कुमार पटना के बिहटा में इंडस्ट्री विभाग से जुड़े कार्यक्रम में शामिल हुए.

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13 दिसंबरः नीतीश कुमार सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में तेजस्वी यादव के बगैर ही पहुंचे और वहां पर्यटन विभाग से जुड़ी योजनाओं का शिलान्यास किया. 13 दिसंबर को ही शिवहर में भी पर्यटन विभाग की योजनाओं का नीतीश कुमार ने शिलान्यास किया. तेजस्वी यादव इस दौरान भी मौजूद नहीं थे.

14 दिसंबरः सीएम नीतीश ने पटना के ज्ञान भवन में आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट का उद्घाटन किया. तेजस्वी यादव पटना में ही थे लेकिन इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.

15 दिसंबरः नीतीश कुमार सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर राजकीय समारोह में शामिल हुए लेकिन तेजस्वी यादव ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली. 15 दिसंबर को ही नीतीश कुमार नवादा जिले में गंगा जलापूर्ति योजना का लोकार्पण करने पहुंचे लेकिन तेजस्वी यादव साथ नहीं गए

16 दिसंबरः पीएमसीएच में नए भवन के निर्माण कार्य का नीतीश कुमार जायजा लेने पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग तेजस्वी यादव के पास है लेकिन वह पटना में होने के बावजूद सीएम नीतीश कुमार के साथ नहीं गए. 16 दिसंबर को ही नीतीश कुमार ने डबल डेकर सड़क के निर्माण कार्य का जायजा लिया. पथ निर्माण विभाग भी तेजस्वी यादव के पास है.

18 दिसंबरः नीतीश कुमार फिर से जनता दरबार कार्यक्रम में मौजूद थे. इस दौरान तेजस्वी यादव के पथ निर्माण विभाग से जुड़े मामलों की भी सुनवाई थी लेकिन वह कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे.

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