चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद अध्यक्ष लालू यादव ने सोमवार को एक अन्य मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया. सोमवार को करीब साढ़े चार घंटे चली अदालत की कार्रवाई में पूरे समय लालू ने खड़े रहकर सवालों के जवाब दिए. यहां पढ़िए जज के सवालों पर लालू यादव के जवाब.
जज - नाम क्या है.
लालू - लालू प्रसाद, उम्र - 66 साल, स्थाई पता भूल गए, पूछ कर बताते हैं.
जज - एक-एक कर सवाल पूछेंगे.
लालू - ओके, पूरा सहयोग करेंगे.
जज - ऐसे साक्ष्य है कि 1986 से घोटला शुरू हुआ था, लेकिन आपने कार्रवाई नहीं की.
लालू - यह सवाल मुझसे RC26 A/ 96 में भी पूछे गए. सीबीआई के आरोप गलत है, मेरे खिलाफ साजिश की गई है. मुझे कोई जानकारी नहीं थी. सारा रिकार्ड आपके पास है. मुझे न्याय चाहिए सर.
जज - इस केस में ऐसे साक्ष्य मिले है, जिससे पता चलता है की आपको घपले की जानकारी थी. लेकिन आपने कोई कार्रवाई नहीं की.
लालू - यह झूठ है, गलत है, बेबुनियाद है. मेरे खिलाफ साजिश हुई है. मुझे कोई जानकारी नहीं थी.
जज - ऐसा साक्ष्य है की आपने कैग की रिपोर्ट देखी, इसके बाद भी अपराधिक साजिश के तहत कोई कार्रवाई नहीं की.
लालू - यह सवाल मुझसे RC 26 A / 96 में भी पूछे गए. सीबीआई का आरोप गलत है संविधान के अनुसार कैग गवर्नर को रिपोर्ट करता है. सीबीआई खुराफात करती है. मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा है.
जज - मुख्यमंत्री रहते मामला सामने आया, लेकिन आपने कार्रवाई नहीं की.
लालू - यह आरोप सरासर गलत और झूठा है. चीफ सेक्रेटरी वीएस दुबे ने 22 जनवरी 1996 को बताया और मैंने टीम बनाकर रेड करवाई.
जज - दयानंद कश्यप को आपने कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दे दिया.
लालू - दयानंद कश्यप को हम नहीं जानते. गलत नाम की अधिसूचना कैसे निकल गई मैं नहीं जानता.
जज - ऐसा साक्ष्य है कि आपने एसबी सिन्हा का सेवा विस्तार किया.
लालू - यह सवाल मुझसे RC 26 A / 96 में भी पूछे गए. पशुपालन विभाग में टेक्निकल लोगों की कमी थी, कैबिनेट का फैसला था.
जज - आरके दास का भी एक्सटेंशन किया.
लालू - पानी पीते हुए.. मुझे बाद में पता चला कि वो भ्रष्टाचार में लिप्त है. सीबीआई उन्हें सरकारी गवाह बनाए हुए है.
जज - डिप्टी ऑडिटर जर्नल की रिपोर्ट में चारा को मोटर साइकिल से ढोने की बात कही गई है. इस पर आपको क्या कहना है.
लालू - यह पशुपालन का मामला नहीं है. यह मेरे शासन से पहले का मामला है.
जज - तीन फोन नंबर से पता चलता है की आपने एसबी सिन्हा और दयानंद कश्यप से बात की.
लालू - ये सरकारी टेलीफ़ोन नंबर है, CM आवास में हर कोई इसका इस्तेमाल करता है. कर्मचारी से लेकर मंत्री तक, लालू फोन नहीं रखता है.
जज - 1993 में डीएन सिन्हा ने एक दिन में पांच लाख से ज्यादा रुपए निकाले आपने कार्रवाई नहीं की.
लालू - लालू पानी पीते हुए.. ये लूट का मामला है, मुझे नहीं मालूम था कि ये कपट निकासी का मामला है.
जज - ऐसा साक्ष्य है कि जीवन सिंह ने सीबीआई जांच के लिए लिखा. आपने खुद को और अपने लोगों को बचाने के लिए इसे दबा दिया.
लालू - ये 90 से पहले का मामला है वे पशुपालन मंत्री थे. जांच होगी तो बात सामने आ जाएगी. हमने विजिलेंस जांच का आर्डर दिया था, सीबीआई के डायरेक्टर ने उस वक्त केस लेने से मना कर दिया था. हमारा अपराध यही है की हमने सबसे पहले कहा कि CAG को हथकड़ी लगनी चाहिए.
जज - आपको क्यों फंसाया गया?
लालू - पसीना पोछते हुए.. क्योंकि मैं निचले तबके के लोगों को मेनस्ट्रीम में लाने की कोशिश कर रहा था. इसलिए एक साजिश के तहत मुझे सत्ता से बेदखल कर दिया गया.
जज - अपने बचाव में कुछ कहना चाहेंगे?
लालू - सभी दस्तावेज आपके पास है समय निकाल कर जरूर देखे, मैं निर्दोष हूं. हम यहाँ छिपा सकते है लेकिन ऊपर जाकर सब हिसाब देना पड़ेगा.
इसके बाद कोर्ट की कार्रवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. कोर्ट से निकलने के बाद राजद अध्यक्ष ने कहा, 'हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है. लिखतम के आगे बखतम नहीं चलता है.'
लालू सोमवार को देवघर कोषागार के अलावा तीन और मामलों में हाजिरी देने आए थे. जिसमें डोरंडा कोषागार, चाईबासा कोषागार और दुमका कोषागार मामले में हाजिरी थी. लालू के वकील ने बताया कि कोर्ट ने वही सवाल दोहराए है. जिसमें लालू से पूछताछ हो चुकी है.
गौरतलब है कि इस मामले में लालू के अलावा जगन्नाथ मिश्र समेत कुल 30 लोग आरोपी हैं. सीबीआई कोर्ट में हर रोज गवाहों की सुनवाई हो रही है. लालू का बयान दर्ज हो जाने के बाद देवघर मामले में जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है. ऐसे में आने वाले दिन लालू यादव के लिए मुश्किलों भरे हो सकते हैं.