बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बयान पर बिहार में सियासी बवाल मच गया है. लगभग सभी दलों ने एक सुर में लालू यादव के इस बयान पर विरोध जताया है. दरअसल, लालू यादव ने दिल्ली से पटना आते वक्त बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को 'भकचोन्हर' (बेवकूफ) बताया था.
जदयू ने कहा कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास दलित हैं. ऐसे में लालू का ये बयान दलित विरोधी है. जदयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, लालू यादव ने कांग्रेस नेता को भकचोन्हर बोल अनुसूचित जाति का अपमान किया है. उन्होंने कहा, आरजेडी के शासन में किस तरह से अनुसूचित जाति का नरसंहार हुआ सभी जानते हैं. इतना ही नहीं चौधरी ने कहा, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अनुसूचित जाति के हैं इसलिए आरजेडी ने उनके पटना कार्यक्रम का बहिष्कार किया था.
अनुसूचित जाति से इतनी नफरत क्यों- मांझी
उधर, हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने पूछा कि लालू यादव आखिर आपको अनुसूचित जाति से इतनी नफरत क्यों है. भक्त चरण दास उस समाज से हैं, तो आप उन्हें अपमानित करेंगे.
कांग्रेस ने कहा- माफी मांगे लालू
कांग्रेस ने लालू प्रसाद के इस बयान पर माफी मांगने को कहा है. लालू के बयान से कांग्रेस कितनी आहत है इसका अंदाजा बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा के बयान से लगाया जा सकता है. अनिल शर्मा ने कहा कि लालू प्रसाद यादव से ज्यादा धर्मनिरपेक्ष नीतीश कुमार हैं. भागलपुर दंगे का हवाला देते हुई अनिल शर्मा ने कहा कि कैसे दंगे के आरोपियों को लालू राज में बचाने की कोशिश हुई थी.
भाजपा ने भी साधा निशाना
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जिस प्रकार कांग्रेस के बिहार प्रभारी और अनुसूचित जाति के नेता भक्त चरण दास को 'भकचोन्हर' कहा वो निंदनीय है. लेकिन इससे कांग्रेस और आरजेडी के संबंध पर कोई असर नही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कितनी भी गालियां दी जाएं वो अपना अस्तित्व बचने के लिए अपमान का घूंट पी कर भी आरजेडी का साथ नही छोड़ेगी.