बिहार की सियासत में जबरदस्त उलटफेर होने जा रहा है. एक-दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाने वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अब एक साथ आ रहे हैं. लालू प्रसाद यादव की पार्टी नए मुख्यमंत्री जीतन राम की सरकार को बाहर से समर्थन देगी.
आम चुनावों से पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि लालू यादव, नीतीश कुमार की पार्टी को समर्थन दे सकते हैं. नीतीश के इस्तीफे के बाद ऐसी खबरें आई थी कि आरजेडी के समर्थन से जेडीयू सरकार चलती रहेगी. हालांकि लालू ने बाद में इसे सिरे से खारिज कर दिया था. लेकिन अब पार्टी ने नए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली जेडीयू सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है.
लालू यादव ने कहा कि वह सांप्रदायिक ताकतों को बिहार से बाहर रखना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया है. वह सरकार को सिर्फ बाहर से समर्थन देंगे, सरकार में शामिल नहीं होंगे.
आरजेडी के विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बताया कि उनकी पार्टी जीतन राम मांझी की सरकार को समर्थन देगी और विधायक दल की बैठक के बाद इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को विश्वास मत के दौरान आरजेडी के विधायक जीतन राम मांझी सरकार का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों को दूर रखने के लिए समय की यही मांग है.
सिद्दीकी ने बताया कि राजद सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी और केवल बाहर से उसे समर्थन देगी. सिद्दीकी के अनुसार यह गठजोड़ की बस शुरुआत है. उन्होंने लालू-नीतीश के साथ आने के सवाल पर कहा कि फिलहाल वो कुछ नहीं कह सकते.