मुजफ्फपुर के एक गांव में एक तेंदुए ने हमला कर आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों को जख्मी कर दिया. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम और पटना चिड़ियाघर से ट्रैंकुलाइजर गन के साथ सात विशेषज्ञों की टीम ने करीब सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों के सहयोग से उसे धर दबोचा.
तेंदुआ पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व से भटकते हुए पहुंच गया था. एक घायल व्यक्ति ने बताया कि वे नदी के किनारे टहल रहे थे. वहीं एक महिला ने उसे रोकते हुए बताया कि बाघ की तरह दिखने वाला एक जंगली जानवर घूम रहा है. यह सुनने के बाद पीड़ित उत्सुकतावश उसे देखने आगे बढ़ा ही था कि तेंदुए ने हाथ, पीठ और पैर पर पंजे से हमला कर जख्मी कर दिया. किसी तरह वह जान बचाकर वहां से भागा.
जब यह सूचना अन्य ग्रामीणों दया, मुकेश व मुंडन को मिली, तो वे भी उसे देखने वहां पहुंच गए. तेंदुए ने उनपर भी हमला भी कर दिया. इसके बाद वह खेत में छिप गया. मनियारी थाना क्षेत्र के छितरौली गांव में घटना के बाद ग्रामीणों में उसके पकड़े जाने तक दहशत रही. ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाते हुए गेहूं के खेत के चारों तरफ नाकेबंदी कर दी. बड़ा जाल मंगाकर उसे पकड़ने की कोशिश करते रहे.
मनियारी, फकुली सहित कई थानों की पुलिस भी कैंप कर रही थी. पटना चिड़ियाघर से ट्रैंकुलाइजर गन के साथ विशेषज्ञ बुद्धन मियां के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल शाम को पहुंचा. फिर उसे पकड़ने का अभियान तेज हुआ. वन विभाग पटना से आई विशेषज्ञों की टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से जाल के सहारे गेहूं के खेत में घुसकर उसे पकड़ने का प्रयास किया. जल्द ही उन्हें सफलता हाथ लगी, लेकिन तेंदुए के दहाड़ते ही डर से ग्रामीणों ने जाल छोड़ दिया, जिससे वह भाग निकला.
कुछ देर बाद तेंदुए को दोबारा पकड़ लिया गया. इसके बाद जैसे ही ग्रामीण उसे देखने जाल के करीब पहुंचे, उसने हमला कर कई लोगों को जख्मी कर दिया. फिर वन विभाग के कर्मियों ने तेंदुए को बेहोशी की सूई दी.