भले ही पटना हाईकोर्ट राज्य में शराब पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध लगाने संबंधी 5 अप्रैल को जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया हो, इसके बाबजूद सूबे में शराब पर प्रतिबंध लागू रहेगा. शराबबंदी को लेकर नया कानून 2 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगा. बिहार सरकार सूबे में शराब पर प्रतिबंध लगाने को लेकर प्रतिबद्ध है और इसको लेकर सरकार के स्तर पर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
हाई कोर्ट के आदेश के बाद बैठकें शुरू
यही कारण है कि 2 अक्टूबर को रविवार होने के बाबजूद बिहार कैबिनेट की बैठक बुलायी गयी है जिसमें नए शराबबंदी कानून को मंजूरी देने के बाद नयी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
शुक्रवार को जैसे ही पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी अधिसूचना को निरस्त किया कि सरकार के स्तर पर इसको लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया. कोर्ट
का फैसला आने के बाद आनन-फानन में सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई गई जिसमें सरकार के अपर प्रधान महाधिवक्ता, प्रधान सचिव, मुख्य सचिव, उत्पाद एवं मद्य निषेध्य
विभाग के प्रधान सचिव की लंबे समय तक कोर्ट के फैसले और आगे की रणनीति पर विचार किया गया.
नए कानून पर आदेश नहीं
अधिकारियों की मैराथन बैठक के बाद यह साफ हो गया कि पटना हाईकोर्ट के फैसले का नए शराबबंदी कानून पर कोई असर नहीं पड़ेगा कारण कि कोर्ट का फैसला वर्तमान शराबबंदी कानून को
लेकर दिया गया है. संयुक्त बिहार, झारखंड और ओडिशा के समय 1915 में बने कानून में आंशिक संसोधन कर बिहार सरकार ने 1 अप्रैल को देशी शराब पर और 5 अप्रैल को विदेशी शराब पर
प्रतिबंध के लिए अधिसूचना जारी की थी.
2 अक्टूबर से लागू होगा
सरकार के अपर प्रधान महाधिवक्ता ललित किशोर के अनुसार सूबे में पूर्ण शराबबंदी लागू रहेगा. उन्होंने कहा कि पिछले मानसून सत्र में सरकार ने शराबबंदी कानून को और प्रभावी तरीके से
लागू करने के लिए नया विधेयक को लाया गया था. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में नए मद्यनिषेद्य और उत्पाद विधेयक 2016 को पारित किया गया और इस विधयक को बिहार के
राज्यपाल ने भी मंजूरी दे चुके हैं. राज्यपाल के मंजूरी मिलते ही बिहार में नया शराबबंदी कानून तो बन गया था लेकिन इसकी अधिसूचना जारी नहीं की गयी थी. नए विधेयक की अधिसूचना
जारी होने पर ही नया कानून बिहार में लागू होगा. कोर्ट के फैसले के बाद अब सरकार नए सिरे से बिहार में नया शराबबंदी कानून 2 अक्टूबर से लागू करेगा. जिसकी घोषणा बिहार के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार कोर्ट का फैसला आने से पहले ही कर चुके थे.