नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग शराब पीते हैं वह हिन्दुस्तानी नहीं हैं. विधान परिषद में नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता की भावना... बापू की भावना को भी अगर कोई नहीं मानता है, तो हम मानते ही नहीं हैं कि वो हिन्दुस्तानी है. वो भारतीय तो है ही नहीं. नीतीश कुमार ने ये बातें राजद के विधान पार्षद के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही. उन्होंने कहा कि शराब पीने वाला महा अयोग्य और महापापी है.
नीतीश कुमार ने कहा कि शराब पीने वाला काबिल तो है ही नहीं, वो महा अयोग्य है, महापापी है. जो राष्ट्रपिता बापू की बात को भी नहीं सुनता है, नहीं समझता है तो उसका क्या मतलब? उन्होंने इशारों में बिहार के पूरे सिस्टम को सलाह देते हुए कहा कि इसे देखना चाहिए. शराबबंदी का प्रचार करना चाहिए. शराब का दुनिया भर में कितना बुरा असर है. इन सब बातों को लोगों को बताना चाहिए.
नीतीश ने अन्य राज्यों को भी दी सलाह
बिहार के मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों को सलाह दे डाली और कहा कि अन्य राज्यों को भी इसे देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि शराब बनाने में राज्यों को आमदनी होती है, इसलिए अन्य राज्य शराबबंदी नहीं कर रहे हैं.
बता दें कि शराबबंदी पर लगातार आलोचना झेल रही बिहार सरकार शराबबंदी कानून में एक और संशोधन कर बैकफुट पर है. स्थिति ये है कि विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित किया जा चुका है और अब सरकार शराब पीने वालों के प्रति नरमी बरतेगी. मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने बुधवार को ही कहा कि शराब पीकर पकड़े जाने पर जुर्माना कर छोड़ दिया जाएगा. इसके लिए राशि तय की जा रही है और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कार्यभार सौंपा जाएगा.
जहरीली शराब से हुई मौत और प्रदेश में शराबबंदी कानून की वजहों से कोर्ट पर और जेलों पर बढ़े दबाव के बाद नीतीश कुमार सरकार ने विधानसभा में संशोधन विधेयक 2022 पेश किया था. इसके तहत पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने का प्रावधान है. इसमें प्रावधान था कि अगर अपराधी जुर्माना जमा करने में सक्षम नहीं है, तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है.
नए नियम के तहत अब ये भी प्रावधान
अब नए नियम के तहत एक प्रावधान ये भी है कि जब किसी शराबी को पुलिस पकड़ती है तो शराबी को उस व्यक्ति का नाम बताना होगा जहां से शराब प्राप्त की गई थी. हालांकि इसे लेकर भी बावल हुआ. अब कानून की नई ढील को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. लोग कह रहे हैं कि इससे पुलिस की मनमानी बढ़ जाएगी. ये लोग जमानत से कम राशि लेकर शराबी को छोड़ देंगे. पुलिस में और भ्रस्टाचार बढ़ेगा.
वहीं कुछ लोगों ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर शराबबंदी कानून में संशोधन पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि ये संशोधन साफ बता रहा है कि बिहार सरकार ने मान लिया है कि बिहार में शराब मिल रही है और लोग पी रहे हैं.
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