लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में मचे हंगामे के बीच चाचा और भतीजे ने एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है. चाचा पशुपति कुमार पारस जहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं भतीजे चिराग पासवान ने चाचा सहित 5 सांसदों को निलंबित कर दिया है.
मंगलवार को पार्टी की गतिविधियों को लेकर दिनभर हलचल रही. चाचा पशुपति कुमार पारस समर्थित नेताओं ने LJP संविधान का हवाला देते हुए चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाया. उनका कहना था कि चिराग तीन-तीन पद पर एक साथ काबिज थे.
वहीं, शाम को चिराग पासवान ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पांचों सांसदों को निलंबित कर दिया. इस मसले पर चिराग पासवान बुधवार दोपहर एक बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं.
इधर, चाचा पशुपति कुमार पारस ने कहा कि परसों रात में ही हमने विधिवत कार्रवाई करके निर्णय लिया है. चिराग पासवान जो कर रहे हैं वो हस्यासपद है और वो हंसी खेल कर रहे हैं. आखिर किस हैसियत से उन्होंने पांच सासंदों को पार्टी से बाहर करने का फैसला किया है?
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पशुपति कुमार पारस ने कहा कि जो कार्यसमिति की बैठक हुई है उसमें तय हुआ है कि हम पार्टी के संविधान का पालन करेंगे. हमारी पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का प्रावधान है और चिराग पासवान के पास तीन पद है. हम पार्टी संविधान के हिसाब से चल रहे हैं.
पटना पहुंचे महबूब अली कैसर ने क्या कहा?
LJP में हुए परिवर्तन को लेकर सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने कहा कि बिहार चुनाव में चिराग ने बड़ी गलती की. एनडीए में रहते हुए JDU के विरोध में काम किया. इसी कारण हम लोगों ने नेतृत्व परिवर्तन का निर्णय लिया. चिराग में अनुभव की कमी है इसलिए हमने पशुपति पारस का समर्थन किया.
कैसर ने कहा कि चिराग ने बिहार की राजनीति का नब्ज नहीं पकड़ा और बड़ी भूल की, जिसका खामियाजा उन्हें और पूरी पार्टी को भुगतना पड़ा. चिराग पासवान को हमारी शुभकामनाएं हैं. इस परिस्थिति से निपट कर वे आगे बढ़ेंगे और एक बड़े नेता बनेंगे. ललन सिंह के मसले पर उन्होंने कहा कि ललन सिंह के कहने पर पार्टी में टूट नहीं हुई है. हमारी मुलाकात ललन सिंह से वीणा सिंह के घर पर हुई थी. हम चाहते हैं चिराग पासवान हमारे साथ रहें.