बिहार विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बड़ा निर्णय लिया है. बुधवार को बिहार संसदीय बोर्ड की बैठक के दौरान चिराग ने बिहार की प्रदेश इकाई के साथ सभी जिला कमेटियों को भंग करने का फैसला किया.
चिराग ने मेन विंग के साथ सभी प्रकोष्ठ को भी भंग कर दिया है. दो महीने के अंदर नई कमेटियों का गठन किया जाएगा. इस बैठक में बिहार प्रदेश के सभी सांसद, पूर्व सांसद, उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक और एलजेपी के प्रवक्ता मौजूद थे. बता दें कि विधानसभा चुनाव में पार्टी 135 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें सिर्फ एक पर उसे जीत मिली.
आरजेडी ने क्या दिया था प्रस्ताव?
बिहार में रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर सुशील कुमार मोदी ने नामांकन दाखिल किया. एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने साफ कर दिया था कि इस उपचुनाव में उनकी तरफ से कोई प्रत्याशी चुनाव में नहीं होगा. हालांकि, आरजेडी ने चिराग पासवान की मां रीना पासवान को महागठबंधन की तरफ से राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनने का प्रस्ताव दिया था.
बिहार में राज्यसभा चुनाव का अंकगणित फिलहाल एनडीए के पक्ष में दिख रहा है. एनडीए को 126 विधायकों का समर्थन हासिल है जबकि महागठबंधन के साथ 110 विधायक और सात अन्य हैं. ऐसे में एलजेपी अगर आरजेडी के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए चुनावी मैदान में उतरी तो भी एनडीए को मात देना मुश्किल होता. यही वजह है कि चिराग पासवान अपनी पार्टी के प्रत्याशी को राज्यसभा चुनाव में उतारने से पीछे हट गए और आरजेडी के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया.
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