बिहार में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में गतिरोध सामने आया है. 12 अक्टूबर से शुरू हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी एनडीए की अपनी सहयोगी पार्टी एलजेपी को 35 सीटें ऑफर कर रही है लेकिन रामविलास पासवान की अगुवाई वाली एलजेपी इतने सीटों पर राजी नहीं है.
मुलाकातों का दौर जारी
एलजेपी नेता रामविलास पासवान और उनके सांसद पुत्र चिराग पासवान ने बीजेपी नेताओं के सामने स्पष्ट कर दिया है कि इतनी सीटों पर बात नहीं बनेगी. इस बातचीत के बाद बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिले और फिर लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान से भी मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार शुक्रवार शाम रामविलास पासवान और चिराग पासवान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर सीट बंटवारे पर बातचीत करेंगे.
पासवान की 45 सीटों की मांग
सूत्रों के अनुसार पासवान 45 सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. शुक्रवार को इस मामले पर फिर मुलाकात हो सकती है. इससे पहले जीतनराम मांझी ने गुरुवार को भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी अनंत कुमार से मुलाकात की थी और फिर कहा था कि बीजेपी जो भी सीटें देंगी वे उतने पर हीं चुनाव लड़ेंगे.
मांझी और रालोसपा भी खेमे में
इस चुनाव में एनडीए के खेमे में बीजेपी के अलावा एलजेपी, रालोसपा और जीतनराम मांझी की पार्टी खड़ी है और बीजेपी इस सभी दलों के लिए सीटों का समीकरण सेट करने में जुटी हुई है. जाहिर है इन सभी दलों की मांग ज्यादा है और बीजेपी खुद के लिए भी 160 से 170 सीटें रखना चाह रही है. सीट शेयरिंग पर अंतिम तौर पर बातचीत के लिए भाजपा ने पार्टी की बिहार ईकाई के नेताओं के 12 सितंबर को दिल्ली तलब किया है. इसी दिन सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है.
पिछला रिकॉर्ड पासवान के पक्ष में नहीं
पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में भले ही रामविलास पासवान की पार्टी को 6 सीटें हासिल हुई हो लेकिन 2010 के विधानसभा चुनाव में जब पासवान लालू के साथ मिलकर लड़े थे तो उन्हें महज 3 सीटें ही मिली थी. उससे पहले 2006 में हुए चुनावों में लोजपा को 10 सीटें मिलीं थीं.