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रामविलास पासवान की पार्टी ने आरजेडी को धमकाया, बात नहीं बनी तो जाएंगे नीतीश के साथ

लालू प्रसाद और रामविलास पासवान की राह एक बार फिर जुदा हो सकती है. यही नहीं, पासवान अब लालू की बजाय नीतीश का दामन थाम सकते हैं. इशारों को समझें, तो साफ है कि अगर सीटों पर तालमेल नहीं हुआ, तो नीतीश को पासवान का साथ मिल सकता है. पार्टी ने खुलकर इसके संकेत दे दिए.

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रामविलास पासवान
रामविलास पासवान

लालू प्रसाद और रामविलास पासवान की राह एक बार फिर जुदा हो सकती है. यही नहीं, पासवान अब लालू की बजाय नीतीश का दामन थाम सकते हैं. इशारों को समझें, तो साफ है कि अगर सीटों पर तालमेल नहीं हुआ, तो नीतीश को पासवान का साथ मिल सकता है. पार्टी ने खुलकर इसके संकेत दे दिए.

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आरजेडी ने लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को सीटों के तालमेल के पहले अपना उम्मीदवार बताने को कहा, तो एलजेपी भड़क गई. रामविलास पासवान के छोटे भाई व पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पशुपति पारस ने सीधे-सीधे आरजेडी को उसकी हद में रहने की चेतावनी दी और साफ कहा कि अगर गठबंधन टूटा, तो पार्टी दूसरे गठबंधन का रुख करेगी.

पशुपति पारस ने कहा, 'कभी रघुवंश बाबू का बयान आ रहा है, कभी रामचन्द्र पूर्वे का बयान आ रहा है कि हम 40 सीटों पर लड़ेंगे. कल रघुवंश बाबू का बयान आया है कि पहले पहलवान दें, तब हम उस पर विचार करेंगे. ये काफी आपत्तिजनक बयान है. एलजेपी एक अलग पार्टी है, हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, हमारा पार्लियामेंट्री बोर्ड है और हमारे यहां डेमोक्रेसी है. अपने उम्मीदवार हम तय करेंगे, न कि आरजेडी. अगर आरजेडी अपने आप को सक्षम समझती है कि वे चालीसों सीट पर लड़कर ब‍ीजेपी को भगा देगी, तो हमें कोई आपत्ति नहीं. ऐसे में एलजेपी  भी स्वतंत्र है. हमारी पार्टी के सभी विकल्प खुले हैं, हम किसी भी दल से समझौता करने को तैयार हैं.'

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लोक जनशक्ति पार्टी ने इशारों में साफ कर दिया कि उसे नीतीश कुमार से परहेज नहीं है और अगर गठबंधन टूटा, तो वह जेडीयू गठबंधन का रुख कर सकती है. पशुपति पारस ने कहा, 'गठबंधन जब टूट जाएगा, तब हमारे पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक होगी. तमाम बड़े नेता होंगे, तब बहुत सोच-विचारकर फैसला करेंगे कि हमारी पार्टी किस ओर जाए.'

जेडीयू को पासवान और लालू की ये नई अदावत काफी रास आ रही है. जैसे ही दोनों दलों ने एक-दूसरे पर आंखें तरेरीं, जेडीयू ने ऑफर देने में कोई देरी नहीं की. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, 'ये एक विचारधारा के लोग थे, सभी एक प्लेटफॉर्म पर राजनीति कर चुके हैं. धर्मनिरपेक्षता के सवाल पर अगर वो आना चाहते हैं, उनका यहां स्वागत है. लेकिन हमें आश्चर्य है कि आखिर उन्होंने लालू प्रसाद को कैसे झेल लिया.'

बहरहाल, लोक जनशक्ति पार्टी ने आरजेडी को तालमेल तय करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है. अगर इस दौरान दोनों दलों मे बात नहीं बनती है, तो साफ है आने वाले वक्त में बिहार में सियासत का नया ध्रुवीकरण देखने को मिलेगा.

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