2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी किस तरीके से बिहार समेत देश के अन्य राज्यों में पिछड़ी जाति के वोट बैंक में सेंधमारी करे इसको लेकर पटना में कल से पार्टी के ओबीसी मोर्चा का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू होने वाला है. पटना के बापू सभागार में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
पिछले दिनों गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण का लाभ देने के बाद अब पार्टी की नजर देश में ओबीसी वोट बैंक पर है और लोकसभा चुनाव में पिछड़ी जाति के वोटरों को लेकर पार्टी की रणनीति क्या हो इस पर बड़े नेता मंथन करेंगे.
इस दो दिवसीय बैठक की शुरुआत शुक्रवार को गृहमंत्री और बीजेपी नेता राजनाथ सिंह करेंगे जबकि इसका समापन शनिवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह करेंगे. ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती समेत झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास भी शिरकत करेंगे.
बताया जा रहा है कि पूरे देश से तकरीबन 5000 ओबीसी मोर्चा के प्रतिनिधि राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी ओबीसी नेताओं को इस बात के लिए ट्रेनिंग देगी कि आखिर वह चुनाव के दौरान किस तरीके से नरेंद्र मोदी सरकार के विकास के कार्यक्रमों को पिछड़ी जाति के वोटरों तक पहुंचा सके.
इस राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देश में सवर्ण समेत पिछड़ी जाति और दलित समाज सभी NDA के साथ है और इसी वजह से विपक्षी दल बीजेपी के इस कार्यक्रम को लेकर बौखलाहट में है.
वहीं दूसरी तरफ आरजेडी ने भी बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर निशाना साधा है और कहा है पार्टी के ऐसे कार्यक्रम करने से महागठबंधन के वोट बैंक पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. पार्टी प्रवक्ता और विधायक शक्ति सिंह यादव ने कहा कि आरजेडी का वोट बैंक पूरी तरीके से उसके साथ एकजुट खड़ा है और बीजेपी की सेंधमारी की कोशिश बेकार है.