बिहार में मदरसा की राजनीति चर्चा में है. शुक्रवार को बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मदरसों पर रोक लगाने की मांग उठाई तो JDU ने पलटवार किया है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि गिरिराज सिंह को सीमांचल में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट पढ़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वो (गिरिराज) मदरसा से ज्यादा पेड़-पौधों के बारे में सोचते तो अच्छा रहता.
बता दें कि सुबह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था, बिहार में अवैध रूप से मदरसे संचालित हो रहे हैं. राज्य सरकार तत्काल मदरसों पर रोक लगाए. सीमांचल की हालत देखकर लगता है कि ना धर्म बचेगा, ना धन. बिहार में लगभग 3000 मदरसे हैं. उन सभी की जांच होनी चाहिए और धार्मिक ब्रेनवॉश की जगह प्रगतिशील शिक्षा दी जानी चाहिए.
अवैध मदरसा क्या होता है...
गिरिराज के बयान पर जेडीयू ने जवाब दिया है. प्रवक्ता नीरज कुमार ने आगे कहा, मदरसा का अपना एक इतिहास रहा है. अवैध मदरसा क्या होता है. मदरसा या तो अनुदानित है या लोग अपने स्तर पर चलाते हैं. ये जातीय गणना पर नजरिया साफ करें.
सरकारी छुट्टियों को लेकर भी विवाद
इससे पहले बिहार में छुट्टियों को लेकर भी सियासी माहौल गरमा गया था. नीतीश सरकार ने सरकारी स्कूलों में साल 2024 में छुट्टियों के दिनों के बारे में बताया था. कैलेंडर के मुताबिक, महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी, रक्षाबंधन, तीज और जिउतिया जैसे त्योहारों पर इस साल कोई छुट्टी नहीं होगी. इसके ठीक उलट ईद के लिए अब 3 दिन छुट्टी होगी. ईद के लिए 18, 19 और 20 जून को स्कूल बंद रहेंगे. इसी को आधार बनाकर बीजेपी ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
'हिन्दुओं पर हमला कर रही है नीतीश सरकार'
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था, जिस तरह से लालू यादव और नीतीश सरकार हिन्दुओं पर हमला कर रही है, भविष्य में उन्हें मोहम्मद नीतीश और मोहम्मद लालू के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने कहा था, ये बिहार को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बिहार बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा था, ये सनातन का अपमान है. हिन्दुओं का अपमान है. जातियों का आरक्षण करके हिन्दुओं को बांटने की भी बात ये करते हैं.
'हम धार्मिक संस्कृति का ध्यान रखेंगे'
केंद्रीय मंत्री ने कहा था, मैं बिहार के हिन्दुओं से अपील करता हूं कि अगर यह लोग रह गए तो आपके धर्म, संस्कार और संस्कृति को खत्म कर देंगे. जब बीजेपी की सरकार आएगी तो हम आरक्षण का भी ध्यान रखेंगे और धार्मिक संस्कृति का भी ध्यान रखेंगे.