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पटना के ऐतिहासिक गांधी सेतु को 21 सौ करोड़ की लागत से दिया गया स्मार्ट लुक, आज से जनता के लिए खुला

बिहार के ऐतिहासिक महात्मा गांधी सेतु का सुपर स्ट्रक्चर चेंज कर दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया.

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बिहार का गांधी सेतु
बिहार का गांधी सेतु
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नितिन गडकरी, नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन
  • सेतु के पूर्वी लेन पर भी शुरू हो गया आवागमन

उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला पटना का ऐतिहासिक महात्मा गांधी सेतु अब नए लुक में जनता के लिए खुल गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में महात्मा गांधी सेतु की पूर्वी लेन का लोकार्पण किया. इसके साथ ही महात्मा गांधी सेतु के दोनों लेन पर आवागमन शुरू हो गया है.

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एक दौर में एशिया के सबसे लंबे पुल का तमगा अपने नाम रखने वाले महात्मा गांधी सेतु का ऊपरी हिस्सा तोड़कर स्टील का सुपर स्ट्रक्चर लगाया गया है. साल 1982 से ही पटना को हाजीपुर और मुजफ्फरपुर से जोड़ने का काम कर रहा महात्मा गांधी सेतु का कलेवर अब बदल गया है. इस सेतु को स्मार्ट लुक देने पर 21 सौ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. परियोजना की शुरुआत में इस कार्य पर 1382.40 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था.

2017 में शुरू हुआ था सुपर स्ट्रक्चर बदलने का काम

ऐतिहासिक महात्मा गांधी सेतु का सुपर स्ट्रक्चर बदलने का काम साल 2017 में शुरू हुआ था. 2014 में इसे लेकर राज्य और केंद्र की सरकारों में सहमति बनी थी. इस पुल की पश्चिमी लेन को सुपर स्ट्रक्चर चेंज कर पहले ही शुरू कर दिया गया था. अब पूर्वी लेन पर भी आवागमन शुरू हो गया है. इस पुल का सुपर स्ट्रक्चर चेंज कर दिए जाने के बाद अब हाजीपुर से पटना की दूरी महज 15 मिनट में तय की जा सकेगी.

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66360 मीट्रिक टन स्टील का हुआ उपयोग

महात्मा गांधी सेतु को नया लुक देने में 66360 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है. 5 किलोमीटर 575 मीटर लंबे पूर्वी लेन के सुपर स्ट्रक्चर में 25 लाख नट वोल्ट और 460 एलईडी लाइट्स लगाई गई हैं. महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन में कुल 47 पाए हैं. इसका सुपर स्ट्रक्चर चेंज करने का काम 2019 में ही पूरा किया जाना था लेकिन ये अब जाकर पूरा हो सका है.

साइकिल और पैदल यात्रियों के लिए अलग लेन

सड़क सुरक्षा के लिहाज से इस पुल पर पैदल यात्रियों और साइकिल के लिए अलग लेन बनाया गया है. पैदल यात्रियों और साइकिल के लिए दो मीटर का फुटपाथ बनाया गया है. गौरतलब है कि इस पुल का शिलान्यास 1969 में हुआ था और 1982 में एक लेन शुरू हो सका था. 1987 से पुल के दोनों लेन आवागमन के लिए शुरू करा दिए गए थे. तब इसके सौ साल तक चलने की बात कही जा रही थी लेकिन 1991 से ही इसकी मरम्मत की जरूरत पड़ने लगी थी.

इस खास मौके पर नितिन गडकरी ने यह भी ऐलान कर दिया कि बिहार में जल्द सड़कों का जाल बिछाया जाएगा और बिहार की सड़कें अमेरिका की जैसी बन जाएंगी. गडकरी ने कहा कि जो लोग भी उन्हें जानते हैं उन्हें पता है कि वह जो वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं और इसी कड़ी में उन्होंने ऐलान किया कि बिहार में 2024 तक वह सड़कों का जाल बिछा देंगे जो कि अमेरिका की सड़कों की तरह होंगी.

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