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नोटबंदी के बाद महावीर मंदिर के अस्पतालों में गरीब मरीजों को 5 हजार रुपये तक का इलाज मुफ्त

महावीर मंदिर की ओर से संचालित सारे अस्पतालों में पुराने नोट नहीं लिए जाएंगे. लेकिन इलाज में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आए, इसको लेकर मंदिर प्रबंधन की ओर से इलाज के लिए आने वाले गंभीर रूप से बीमार मरीजों को मंदिर प्रबंधन अपने पास से पांच हजार रुपए तक का प्रारंभिक इलाज अपने स्तर से शुरु कर देगा.

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महावीर मंदिर के अस्पतालों में गरीबों का मुफ्त इलाज
महावीर मंदिर के अस्पतालों में गरीबों का मुफ्त इलाज

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देश में नोटबंदी से हाहाकार मचा है. बिहार की राजधानी पटना भी इससे अछूती नहीं है. नोटबंदी का असर बीमारी का इलाज कराने आए मरीजों पर ना पड़े, इसके लिए महावीर मंदिर ट्रस्ट ने एक अहम फैसला लिया है. मंदिर ट्रस्ट की ओर से पटना महावीर मंदिर से जुड़े अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को मंदिर प्रबंधन की ओर से 5 हजार रुपए तक की आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया गया है.

महावीर मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि नोटबंदी के बाद उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रबंधन की ओर से यह फैसला लिया गया है. आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि नोटबंदी के बाद उत्पन्न स्थिति को ध्यान में रखते हुए महावीर मंदिर न्यास समिति महावीर मंदिर की ओर से संचालित सभी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले गंभीर रूप से बीमार मरीजों को पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद करेगी. इसके बाद मरीज के इलाज में आने वाले खर्च का वहन मरीज के परिजनों को करना होगा.

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किशोर कुणाल ने कहा कि सारे अस्पतालों में चेक से भी पैसे लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मरीजों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए जल्द ही सारे अस्पतालों में स्वैपिंग मशीन भी लगाए जाएंगे. इसके बाद क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से भी इलाज के खर्च की राशि के भुगतान की सुविधा शुरू हो जाएगी. महावीर मंदिर प्रबंधन कमेटी के प्रमुख किशोर कुणाल ने बैंक से अनुरोध किया है कि अगर बैंक महावीर मंदिर प्रबंधन की ओर से संचालित अस्पतालों में अपना स्टॉल लगाना चाहता है, तो मंदिर प्रबंधन की ओर से उसे स्थान उपलब्ध करा दिया जाएगा. इससे इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भी सुविधा मिलेगी. मंदिर की ओर से संचालित सारे अस्पतालों में इसके लिए जगह की कोई कमी नहीं है.

महावीर मंदिर की ओर से संचालित सारे अस्पतालों में पुराने नोट नहीं लिए जाएंगे. लेकिन इलाज में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आए, इसको लेकर मंदिर प्रबंधन की ओर से इलाज के लिए आने वाले गंभीर रूप से बीमार मरीजों को मंदिर प्रबंधन अपने पास से पांच हजार रुपए तक का प्रारंभिक इलाज अपने स्तर से शुरु कर देगा. यह पैसे मरीज से नहीं लिए जाएंगे. इलाज के अभाव में किसी की जान नहीं जाए, इसको ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रबंधन की ओर से यह फैसला लिया गया है. पांच हजार के अतिरिक्त खर्च को परिजन इसके बाद कैश या फिर चेक से जमा कर सकते हैं.

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नोट बंदी का असर अस्पतालों पर भी देखने को मिल रहा है. सरकारी अस्पतालों में तो पुराने नोट लिए जा रहे हैं, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में यह सुविधा ना रहने की वजह से खासकर गरीब मरीजों को बहुत समस्या हो रही है. पटना में महावीर मंदिर की ओर से तीन अस्पताल चलते हैं. महावीर कैंसर अस्पताल में पहले से ही 10 हजार रुपए तक की मदद की जाती है. गरीब और 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को वो किसी भी जाति के हों, उन्हें 15 हजार रुपए की मदद की जाती है.

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