बिहार (Bihar) के पश्चिमी चंपारण में बसे बगहा (Bagaha) में शनिवार को आदमखोर बाघ को मार गिराया गया. जानकारी के मुताबिक वह छह महीने में 10 लोगों पर हमला कर चुका था. इन हमले में 9 लोगों की जान चली गई थी, जबकि एक व्यक्ति जीवनभर के लिए लाचार हो गया है. आदमखोर बाघ का खौफ लोगों के दिल में घर कर गया था. वे अपने घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे था.
शुक्रवार सुबह गोबर्धना थाना क्षेत्र के डुमरी में 35 वर्षीय संजय महतो को बाघ ने अपना शिकार बना लिया था. हरहिया सरेह में बाघ ने संजय पर हमले किया, जिसमें उसकी मौत हो गई. वहीं वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बीटीआर के बलुआ गांव में बाघ ने 35 वर्षीय एक महिला और उसके 10 वर्षीय बेटे को भी अपना शिकार बना लिया था. जानकारी के मुताबिक वन विभाग और पुलिस के मना करने के बाद भी दोनों सुबह घास काटने के लिए खेत में गए थे.
इससे पहले गुरुवार को भी बाघ ने 12 साल की बगड़ी कुमारी पर हमला किया था. हमले के दौरान वो अपने घर में सो रही थी. इसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने आदमखोर बाघ को जान से मारने की अनुमति दे दी थी.
25 दिन से बाघ की तलाश कर रही थी टीम
जानकारी के मुताबिक वन विभाग की टीम बीते 25 दिनों से बगहा के जंगलों में बाघ की तलाश कर रही थी. टीम में बिहार वन विभाग के सीनियर अधिकारियों सहित दूसरे एक्सपर्ट शामिल थे. उनका कहना है कि बाघ किसी दूसरे बाघ की टेरेटरी में आ गया था. इसके कारण वो जंगल में नहीं जा पा रहा था. गांवों के आस-पास घूम रहा था और लोगों को अपना शिकार बना रहा था.
लोगों ने कार्यालय पर किया था पथराव, पुलिस को भी पीटा
आदमखोर बाघ के लगातार बढ़ते हमलों के वजह से आक्रोश बढ़ने के कारण ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया था. लोगों ने वन क्षेत्र कार्यालय पर पथराव भी किया था. सरकारी वाहनों में भी तोड़फोड़ भी की थी. इतना ही नहीं उन्होंने इलाके में तैनात पुलिसवालों की भी पिटाई कर दी थी. उन्होंने मांग की थी कि वन विभाग बाघ को पकड़े या फिर उसे मार गिराए, नहीं तो हमें बाघ को मारने की अनुमति दे दे.
बाघ जिस इलाके में सक्रिय था, वह पूरा इलाका आदिवासी उरांव और थारू जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है. इनका जीवन यापन मुख्यरूप से जंगल पर ही निर्भर है. जंगल में लोगों का रोज का आना-जाना था, इस दौरान बाघ घात लगाकर लोगों को अपना शिकार बना रहा था.
आदमखोर बाघ के हमले का शिकार बने लोग
- 08 मई को अविनाश कुमार बैरिया कला हरनाटांड़
- 14 मई को जिमरी, नौतनवा सेमरा थाना
- 20 मई को पार्वती देवी, कटाह पुरैना, चिउटहां थाना
- 14 जुलाई धर्मराज काजी, बैरिया कला हरनाटांड़
- 12 सितंबर गुलाबी देवी, बैरिया कला हरनाटांड़
- 21 सितंबर रामप्रसाद उरांव, बैरिया कला सरेह में हरनाटांड़
- 06 अक्टूबर को बगड़ी कुमारी, सिगाही गांव
- 07 अक्टूबर को संजय महतो, डुमरी थाना गोबर्धना और बलुआ गांव की 35 वर्षीय महिला और उसका 10 वर्षीय बेटा
(रिपोर्ट- गिरिन्द्र कुमार पांडेय)