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सुशील मोदी के सहयोगी मंगल पांडेय का बिहार बीजेपी अध्यक्ष बनना तय

दिन भर चले सियासी उठापटक, हंगामा और नारेबाजी के बीच एकमात्र नामांकन के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के करीबी सहयोगी और विधान पार्षद मंगल पांडेय का बिहार प्रदेश बीजेपी का अगला अध्यक्ष बनना तय हो गया.

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दिन भर चले सियासी उठापटक, हंगामा और नारेबाजी के बीच एकमात्र नामांकन के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के करीबी सहयोगी और विधान पार्षद मंगल पांडेय का बिहार प्रदेश बीजेपी का अगला अध्यक्ष बनना तय हो गया.

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निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर समर्थकों के हंगामे के बीच विधान पार्षद वीरचंद पटेल मार्ग स्थित बिहार प्रदेश कार्यालय में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के लिए केंद्रीय नेतृत्व के पार्टी नेताओं अनंत कुमार, धर्मेन्द्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन और राजीव प्रताप रुडी की उपस्थिति में शाम में अपना नामांकन भरा.

नामांकन पत्र की जांच के बाद नये प्रदेश अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा शुक्रवार को की जाएगी. पांडेय को मौका देकर एक बार फिर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने युवा शक्ति में विश्वास जताया है और बीते कुछेक महीने से चल रहे उहापोह की स्थिति को समाप्त किया.

ठाकुर समर्थक बीजेपी विधायक अवनीश कुमार सिंह और कुछ अन्य नेता केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का विरोध कर रहे थे लेकिन गुरुवार को स्वयं सुशील कुमार मोदी द्वारा विक्षुब्धों के मनाने पर विरोध शांत हो गया.

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निर्वाचन पदाधिकारी तथा दिल्ली नगर निगम की पूर्व महापौर आरती मेहरा ने कहा कि 44 वर्षीय मंगल पांडेय ने सात सेट में नामांकन दाखिल किया जिसमें मोदी समेत 107 प्रस्तावकों ने उनका समर्थन किया.

इससे पहले विक्षुब्ध गुट के समर्थकों ने बीजेपी के केंद्रीय महासचिव तथा बिहार मामलों के पार्टी के प्रभारी अनंत कुमार और सह प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान के पटना एयरपोर्ट पर पहुंचने पर केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ नारेबाजी की. विक्षुब्ध कार्यकर्ता मंगल पांडेय की उम्मीदवारी को हरी झंडी देने से केंद्रीय नेतृत्व से नाराज थे. पांडेय के नामांकन का सफर आसान नहीं रहा.

बीजेपी के नये प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को 2014 के लोकसभा चुनावों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत किये जाने की स्थिति में राजग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हटने के बाद बीजेपी-जदयू गठबंधन पर आशंकित खतरे को जोड़कर देखा जा रहा है.

ठाकुर संभवत: केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय से अप्रसन्न हैं. वह नामांकन के समय पार्टी के प्रदेश कार्यालय में उपस्थित नहीं थे. पार्टी सूत्रों ने बताया कि ठाकुर ने केंद्रीय नेताओं अनंत कुमार और धर्मेन्द्र प्रधान से भी मिलने से इनकार कर दिया.

पार्टी के लोग ठाकुर से मिलकर उनसे बात करना चाहते थे. ठाकुर ने साफ इनकार कर दिया. पांडेय के चुनाव को बिहार में बीजेपी जदयू के गठबंधन को खड़ा करने वाले उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के विजय के रूप में देखा जा रहा है. मोदी को नीतीश कुमार के विचारों का जगह जगह पर समर्थन करने वाले नेता के रूप में देखा जाता है.

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बीजेपी और जदयू का सात वर्ष पुराना गठबंधन हाल में नरेंद्र मोदी के समर्थन में सीपी ठाकुर के बयान से उथल पुथल के दौर से गुजर रहा था. मोदी को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में ठाकुर ने समर्थन किया था. हालांकि नीतीश कुमार राजग के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी नापसंदगी समय समय पर जाहिर कर चुके हैं. फिर भी ठाकुर ने हाल में कई बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में सही ठहराया था.

पांडेय उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खेमे के उम्मीदवार माने जाते हैं. मंगल पांडेय के नाम पर केंद्रीय नेतृत्व से मुहर लगाकर उपमुख्यमंत्री ने एकबार फिर राज्य में अपनी पकड़ साबित की है. अपने सहयोगी के नाम पर मुहर लगवाने में मोदी फिर सफल रहे. बीजेपी के एक नाराज विधायक अवनीश कुमार सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि वह केंद्रीय नेतृत्व के थोपे गये उम्मीदवार के खिलाफ अपना नामांकन करेंगे. सुशील कुमार मोदी के मनाने पर सिंह के तेवर नरम दिखे.

नाराज चल रहे नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे के मंत्री चंद्रमोहन राय ने कहा कि वह केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय को मानेंगे. हालांकि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष कैसा हो इसके बारे में वह केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी बात रखने में सफल रहे हैं.

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ठाकुर गुट के नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं को समझा बुझाकर शांत कराने में पार्टी नेतृत्व को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पटना एयरपोर्ट पर पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री गिरिराज सिंह ने नारेबाजी कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं को शांत कराया.

ऐसा समझा जा रहा है कि बीते 10 जनवरी को दिल्ली में ही मंगल पांडेय के नाम पर भाजपा आलाकमान ने मुहर लगा दी थी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पांडेय का नाम तय हो गया था.

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