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पुलिस की गिरफ्त में आते ही रोने लगा मनीष कश्यप, सामने आया यूट्यूबर का ये VIDEO

Manish Kashyap News: यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. बिहार पुलिस के साथ ही तमिलनाडु पुलिस भी उसके खिलाफ एक्शन मोड में है. इसी बीच उसका एक वीडियो सामने आया है. इसमें वो रोता हुआ दिखाई दे रहा है. ये वीडियो मनीष के सरेंडर करने के बाद का है.

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पुलिस की गिरफ्त में मनीष कश्यप (वीडियो ग्रैब).
पुलिस की गिरफ्त में मनीष कश्यप (वीडियो ग्रैब).

Manish Kashyap News: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप का एक वीडियो सामने आया है. सरेंडर करने के बाद वो पुलिस की गिरफ्त में सिसकता हुआ दिखाई दिया. इतना ही नहीं जब वो पुलिस की गाड़ी में था तो रोने लगा. इस दौरान उसके साथी ये कहते हुए सुनाई दे रहे कि हिम्मत मत हारना, हम सब मिलकर लड़ेंगे. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

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गौरतलब है कि मनीष कश्यप को पश्चिम चंपारण से गिरफ्तार करने के बाद शनिवार को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) पटना लेकर आ गई थी. यहां उससे गहन पूछताछ की गई. इसके बाद रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, यहां से मनीष को 22 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि जल्द तमिलनाडु पुलिस भी उसको ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई के फर्जी वीडियो यूट्यूब समेत सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोप में मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी के खिलाफ केस दर्ज हैं.

गृह राज्य बिहार में यूट्यूबर पर 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज हैं. EOU के बार-बार प्रयास करने के बावजूद मनीष कश्यप पेश नहीं हो रहा था. इसके बाद आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ. पुलिस और ईओयू की टीमों ने लगातार आरोपी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन फिर भी वह हाजिर नहीं हुआ.

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घर को कुर्क करने की कार्रवाई की गई

इस पर बीते शनिवार को कोर्ट के आदेश पर बेतिया स्थित महना डुमरी गांव में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में आरोपी मनीष कश्यप के घर को कुर्क करने की कार्रवाई की गई. इसके बाद जिले के जगदीशपुर थाने में आरोपी ने सरेंडर कर दिया.

यह कुर्की रंगदारी और शासकीय कार्य में बाधा मामले में की गई. दरअसल, साल 2021 में 31 मार्च को मनीष कश्यप ने एसबीआई की पारस पकड़ी ब्रांच के मैनेजर से रंगदारी मांगी थी. पुलिस की मानें तो आरोपी के खिलाफ बेतिया में ही 7 मामले दर्ज हैं. 

देखिए ये वीडियो...

EOU ने लिया था गिरफ्तारी का वारंट

बता दें कि बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने गुरुवार को उसके खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी का वारंट लिया था. इसके बाद से लगातार यूट्यूबर के पटना, दिल्ली समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी चल रही थी. इससे पहले बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज करा दिया था. इन खातों में कुल 42.11 लाख रुपये की राशि जमा है.

ये भी पढ़ें- मनीष कश्यप के बाद अब उपेंद्र सहनी अरेस्ट, सबसे पहले इसी के मोबाइल से शेयर हुआ था वीडियो
 

बिहार पुलिस का कहना है कि इसके SBI के खाते में 3 लाख 37 हजार 496 रुपये, IDFC BANK के खाते में 51 हजार 69 रुपये, HDFC BANK के खाते में 3 लाख 37 हजार 463 रुपये और एक अन्य खाते में 34 लाख 85 हजार 909 रुपये हैं.

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फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप

गौरतलब है कि मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित रूप से हो रहे हमले को लेकर फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप है. इस मामले में उस पर पहले से FIR दर्ज है. मनीष का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक हो चुका है. मगर, इस बीच उसके नाम से एक नया अकाउंट (manishkashyap43) बनाया गया और ट्वीट कर दावा किया गया कि बिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

इसके बाद बिहार पुलिस ने ट्वीट कर साफ किया था कि मनीष और युवराज को गिरफ्तार नहीं किया गया. वह एक फर्जी पोस्ट था. गिरफ्तारी की अफवाह फैलाकर लोगों को भ्रमित करने के आरोप में EOU ने FIR नंबर 5/23 दर्ज की थी. 

खुद को 'सन ऑफ बिहार' बताता है

मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के डुमरी महनवा गांव में हुआ था. उसका असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. वह खुद को 'सन ऑफ बिहार' (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है. साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. नामांकन के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उसने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया. उसकी मां मधु गृहिणी हैं. पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रह चुके हैं.

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