बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का विवादों से चोली-दामन का साथ रहा है. उन्होंने सीएम के 9 महीनों के छोटे से कार्यकाल में कई विवादों को जन्म दिया. वे जब-जब कुछ बोलते थे, तब कोई नया विवाद खड़ा हो जाता था. उनके कार्यकाल के कुछ विवादित बयानों को हम पेश कर रहे हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे चुके जीतनराम मांझी ने जब 20 मई, 2014 को राज्य की सत्ता संभाली थी. सत्ता संभालने के बाद उनके बारे में कहा गया था कि राज्य को पहली बार ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जो समाज के सबसे निचले तबके के समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन 9 महीनों के मुख्यमंत्री कार्यकाल में मांझी न केवल अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे, बल्कि पार्टी के फैसले नहीं मानने के कारण उन्हें दल से निष्कासित होना पड़ा.
मांझी सरकार ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूण फैसले किए, लेकिन विवादित बयानों के कारण वह ज्यादा चर्चा में रहे. राजनीति में 'सोशल इंजीनियरिंग' में माहिर समझे जाने वाले नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर महादलित परिवार से आए जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बना तो दिया, लेकिन उनके बयानों ने पार्टी को मुश्किल में भी डाल दिया.
मांझी के विवादित बयान
- मांझी ने पिछले वर्ष 13 अगस्त को अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा था, 'मुझे स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है कि सरकारी मशीनरी में ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार व्याप्त है. कुछ साल पहले बिजली बिल में संशोधन करवाने के लिए मेरे परिवार को रिश्वत देनी पड़ी थी.'
- अपने गृह जिला गया में आयोजित एक कार्यक्रम में नीतीश की भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलेरेंस नीति' के दावे की धज्जियां उड़ाते हुए मांझी ने कहा था कि नीतीश सरकार में विकास भले हुआ हो, परंतु भ्रष्टाचार तब भी कम नहीं हुआ.
- बिहार में बाढ़ प्रभावित लोगों के चूहा खाकर जिन्दा रहने की खबर पर मुख्यमंत्री मांझी ने अजीबोगरीब बयान ने राजनीति में हलचल ला दी थी. उन्होंने कहा था कि चूहा मारकर खाना खराब बात नहीं है. वह भी चूहा खाते थे. दरअसल मांझी मुसहर जाति से ताल्लुक रखते हैं, जो सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से अब भी बेहद पिछड़ी जाति है.
- मांझी ने दलितों और पिछड़ी जातियों के युवकों को अंतरजातीय विवाह करने की नसीहत दी थी. इन सभी बयानों के बाद पार्टी के नेताओं को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा था.
- मांझी ने बिहार से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्रियों को राज्य में नहीं घुसने देने की चेतावनी देते हुए कहा था, 'अगर ये सातभैया राज्य के विकास में मदद नहीं करते हैं, तो उन्हें बिहार में घुसने नहीं देंगे. वे सब दिल्ली में ही रहें.'
- 17 अक्टूबर, 2014 को मांझी ने मोतिहारी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए डॉक्टरों के हाथ काट देने की चेतावनी दे दी थी.
- पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने पिछले वर्ष 13 अक्टूबर को अच्छे स्वास्थ्य और बाल कुपोषण को दूर करने के लिए विवाह की उम्र 25 वर्ष करने की सलाह दी थी.
इसके अलावा भी मांझी कई मौकों पर विवादित बयानों के कारण अपनी ही पार्टी के नेताओं और विपक्षियों का निशाना बन चुके हैं.
इनपुट आईएएनएस