बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने लालू प्रसाद यादव के जनता परिवार विलय में जगह के ऑफर को ये कहकर ठुकरा दिया कि वह नीतीश कुमार के साथ काम नहीं कर सकते, जिसने उनका अपमान किया.
मांझी ने गुरुवार को सासाराम में एक कार्यक्रम में स्पष्ट कह दिया कि जहां नीतीश कुमार होंगे, उस पार्टी में वह नहीं जाएंगे.
मांझी के राजनीतिक संगठन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर जेडीयू के जनता परिवार में विलय की स्थिति में अपने लिए 'तीर' का निशान मांगा है. जेडीयू का चुनाव चिन्ह 'तीर' है.
वहीं, जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, 'मांझी को जेडीयू का नाम और चिन्ह लेने का कोई अधिकार नहीं है. हमने चुनाव आयोग से भी कहा है कि इस बात को अनुमति न दी जाए. जब मांझी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो उन्होंने अपने भविष्य का निर्णय ले लिया. वो अकेले लड़ने की बात कहकर सबको भ्रमित कर रहे हैं.'
आपको बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को जनता परिवार में जीतन राम मांझी के लिए दरवाजे खुले होने का संकेत दिया था. सासाराम में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए लालू ने कहा, 'जनता परिवार के विलय में मांझी के लिए भी जगह होगी, जो 14 अप्रैल को अस्तित्व में आएगा.'
गौरतलब है कि लालू का बयान मंगलवार को मांझी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के ठीक एक दिन बाद ही आया. बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए नीतीश कुमार के साथ हुए घमासान में जेडीयू ने मांझी को पार्टी से बाहर कर दिया था.
लालू का यह बयान उस समय आया है, जब मांझी का राजनीतिक संगठन हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा बिखरा हुआ है. मोर्चा को सपोर्ट करने वाले नौ विधायक बीजेपी की ओर झुकने लगे हैं और केवल बीजेपी के साथ गठबंधन चाहते हैं.