
भागलपुर पॉलिटेक्निक मैदान में अनोखे सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. हिंदू और मुस्लिम रीति-रिवाज से एक ही जगह 51 जोड़ों की शादियां हुई. इसमें 41 हिंदू जोड़ों और 10 मुस्लिम जोड़े शामिल थे. इस आयोजन में कई जिलों के दूल्हा-दुल्हन पहुंचे थे. सबसे खास बात यह थी कि एक ही जगह पर पंडित शंख एवं भगवान के मंत्र पढ़ रहे थे और मौलवी अल्लाह को साक्षी मानते हुए निकाह पढ़ रहे थे.
28 जून की रात हुई सामूहिक विवाह में दिव्यांग से लेकर कमजोर वर्ग के युवक-युवतियां शामिल हुई. विवाह में आयोजक ने बारातियों के लिए डीजे, बैंड बाजे, मंडप और वरमाला स्टेज तक की व्यवस्था की थी. साथ ही विदाई के लिए पलंग, अलमारी जैसी छोटी-छोटी चीजों का भी इंतजाम किया गया था.
हिंदू और मुस्लिम जोड़े ने आयोजक का किया धन्यवाद
शादी में दूल्हा-दुल्हन के साथ उनके परिजन भी काफी खुश थे. नवविवाहित जोड़ों ने कहा कि सामूहिक विवाह से हम लोग खुश हैं. हमलोग संस्थान को धन्यवाद देती हूं. स्थानीय लोगों कहना था कि ऐसे विवाह समारोह का आयोजन हो, तो दहेज प्रथा पर लगाम लगेगा. जो लोग बेटी को बोझ समझते हैं, वैसे परिवार के लिए यह सामूहिक विवाह बहुत ही अच्छा है. उनको इसका हिस्सा बना चाहिए.
बेटियों को बोझ समझने वाले आकर मिले- आयोजक विकास
वहीं, आयोजक विकास कुमार माली ने कहा कि जो बेटियों को बोझ समझते हैं, वह संस्थान में आकर मिले. उन्हें सहयोग किया जाएगा. हमारा मुख्य मकसद है बाल-विवाह और दहेज प्रथा पर रोक लगाना. वहीं, गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल ने कहा यह काफी अच्छी पहल है. इससे गरीब लोगों को सहायता मिलेगी. इससे दहेज प्रथा और बाल विवाह पर भी रोक लगेगी. अब लोग जागरूक हो रहे हैं. फिर भी अंदर ही अंदर दहेज लेते हैं. जल्द से जल्द इसे समाप्त करना होगा.
(रिपोर्टः निभाष मोदी)