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बिहारः जमुई में हिंसा के बाद नक्सलियों ने गया में CRPF दस्ते पर किया हमला

जमुई में धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस पर हमले के बाद गया में माओवादियों से मुठभेड़ की खबर है. बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल  का एक कांस्टेबल घायल हो गया.

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naxal attack
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जमुई में धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस पर हमले के बाद गया में माओवादियों से मुठभेड़ की खबर है. बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का एक कांस्टेबल घायल हो गया.

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CRPF उपमहानिरीक्षक चिरंजीव कुमार ने बताया कि जमुई में हुए हमले के बाद सीआरपीएफ ने छतरबंदा जंगल के टोकना और मंग्रामा गांवों में तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी.

कुमार ने बताया कि टोकना गांव में सीआरपीएफ जवानों और माओवादियों के बीच सौ गोलियां चली और फिर माओवादी घने जंगल में चले गए. मुठभेड़ में सीआरपीएफ की कोबरा इकाई के कांस्टेबल रविशंकर को गोली लगी और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया.

इससे पहले, जमुई के समीप गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे नक्सलियों ने इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला बोल दिया. इस हमले में 3 लोगों की मौत हो गई और 6 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. माओवादियों ने आरपीएफ के 4 जवानों को अगवा कर लिया था, जो सुरक्षित लौटने में कामयाब हो गए हैं.

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इस हमले में मृत लोगों में एक आरपीएफ का जवान है, जबकि दो ट्रेन में सफर कर रहे यात्री हैं. घायलों में बच्चे और औरतें भी हैं.


घटना जमुई के पास कुंदर हॉल्ट की है. तकरीबन 200 हथियाबंद नक्सलियों ने धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस पर अचानक हमला बोल दिया. ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद नक्‍सलियों ने ट्रेन को कब्जे में ले लिया. हमले के दौरान उन्‍होंने आरपीएफ के कुछ जवानों से हथियारें भी छीन लिए और यात्रियों के साथ लूटपाट भी की. यही नहीं, नक्सलियों ने शुरुआत में एस-2 कोच के कुछ यात्रियों का भी अपहरण कर लिया. इसके बाद यात्रियों को जंगल में लेकर गए. हालांकि, बाद में यात्रियों को छोड़ा दिया गया. करीब एक घंटे तक चले इस हमले के बाद ट्रेन को वापस कब्जे में लिया गया है.

इस बीच, नक्सली हमले को लेकर गृहमंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे अधिकारियों से बात कर स्थिति का जायजा लिया.

जो जानकारी मिल रही है कि इसके मुताबिक नक्सिलयों का मुख्य मकसद दहशत पैदा करना और हथियार लूटना था. गृहराज्य मंत्री आरपीएन सिंह के मुताबिक हाल के दिनों में सरकार की कार्रवाई के बाद नक्सली बौखलाए हुए हैं. यह हमला उसी का नतीजा है. नक्सलियों ने हथियार लूटने के लिए इस हमले को अंजाम दिया.

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गौरतलब है कि महीने भर के भीतर देश में नक्सली हमले की दूसरी बड़ी वारदात है.

इससे पहले 25 मई को माओवादियों ने छत्तीसगढ़ में परिवर्तन यात्रा निकाल रहे कांग्रेसियों पर हमला किया था. कांग्रेसी नेता सुकमा में एक रैली संबोधित कर लौट रहे थे, जब उन पर दरभा घाटी में हमला किया गया. इसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व मंत्री और सलमा जुडूम के प्रणेता महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत 27 लोग मारे गए थे. जबकि 31 घायल हुए. गंभीर रूप से घायल विद्याचरण शुक्‍ल की इलाज के दौरान तीन दिन पहले मंगलवार को अस्‍पताल में मौत हो गई थी.

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