अभी ज्यादा वक्त नहीं बीता जब शत्रुघ्न सिन्हा ने न सिर्फ नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री की दावेदारी के खिलाफ अपनी खुली नाराजगी जाहिर की थी बल्कि आडवाणी के प्रति अपनी वफादारी दिखाने में वो बीजेपी में सबसे आगे थे. पर बीजेपी में आडवाणी के हाशिए पर जाते ही बिहारी बाबू ने भी अपने सुर बदल दिए हैं.
नवरात्र में पटना में पंडालों में माता का आशीर्वाद लेने पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा ने ये ऐलान कर दिया कि वो न सिर्फ 27 अक्टूबर की हुंकार रैली में मंच पर होंगे बल्कि उस दिन मोदी का स्तुतिगान भी करेंगे. बिहारी बाबू ने कहा, 'मैं उस रैली में जरूर आऊंगा, आखिर मैं पटना का एमपी हूं, मैं आऊंगा औऱ उनकी स्तुति भी गाऊंगा क्योंकि वो हमारे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हैं, मैंने तो पहले कह दिया था कि पार्टी जो फैसला लेगी वो मुझे मंजूर होगा.'
फिल्म स्टार और पटना साहिब के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने पटना मे अष्टमी के दिन अलग-अलग पूजा पंडाल में घूम-घूम कर पूजा-अर्चना की. अलग-अलग पंडालों में जाकर बिहारी बाबू माता के दरबार में मत्था टेकते रहे. पटना के गर्दनीबाग के ठाकुरबाड़ी में शत्रुघ्न सिन्हा जब माता के दरबार में मत्था टेकने आए तो पूरी तरह से भक्तिमय थे.
सिर पर चूनरी हाथों में नारियल और विधिवत पूजा की. बिहारी बाबू पूरी तरह से पूजा के रंग मे रंगे थे. पटना साहिब से सांसद बिहारी बाबू ने दुर्गापूजा में मां से आशीर्वाद लिया. माहौल पूजामय था पर नरेन्द्र मोदी की रैली की चर्चा से अछूता नहीं रहा. बिहारी बाबू ने ऐलान कर दिया कि भले ही आडवाणी नहीं आएं पर वो रैली में मंच पर डटे रहेंगे.
दरअसल शत्रुघ्न सिन्हा ने बुलावे के पहले ही खुद ही मोदी के मंच पर होने और रैली मे शिरकत का ऐलान कर दिया है. बीजेपी में नमो मंत्र की लहर को देखते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने मौके को भांपा और साफ कर दिया कि पार्टी से वो कभी अलग नहीं थे, शत्रुघ्न सिन्हा के मुताबिक वो सिर्फ प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान पार्लियामेंट्री बोर्ड के माध्यम से चाहते थे और यही हुआ, ऐसे में उनकी नाराजगी अब खत्म हो चुकी है.
बहरहाल नवरात्र में इस वक्त तमाम नेता और राजनेता पूजा-पंडालों का रुख कर रहे हैं. वो चाहे शत्रुध्न सिन्हा हों या फिर नीतीश कुमार या फिर सुशील मोदी, सभी नेताओं ने अलग-अलग पंडालों में जाकर पूजा अर्चना की. नवरात्र के शुरू होने के पहले ही मोदी की रैली को लेकर राजनीति गरमा चुकी है.