अब यह बात तय हो गई है कि बिहार में आरजेडी और जेडीयू, दोनों अलग-अलग चुनाव लडेंगे. इनके विलय की संभावना हर दिन घटती जा रही है. दोनों के नेता अलग-अलग तरह के बयान दे रहे हैं. लेकिन अब नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी का सम्मेलन 15 फरवरी को बुलाकर इस बात के संकेत दे दिए हैं.
एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर दी है. नीतीश कुमार ने गुरुवार को अपनी पार्टी के विधायकों और विभिन्न निकायों के अध्यक्षों के साथ बैठक में साफ कर दिया कि विलय अपने समय पर होगा. उन्होंने कहा कि विलय के बारे में चिंता मत कीजिए. चुनावों के लिए तैयार हो जाइए और पार्टी के सम्मेलन की तैयारी करें, जो 15 फरवरी को गांधी मैदान में होगी.
इस सम्मेलन की घोषणा करके नीतीश कुमार ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को एक तरह से छका दिया. लालू ने 15 मार्च को पटना में मोदी के खिलाफ एक रैली का आह्वान किया है. उनका कहना है कि मोदी सरकार काला धन लाने में असफल रही है. लालू ने जेडीयू की ओर इशारा करते हुए कहा कि साधु की कोई जमात नहीं होती, जिसे पीछे आना होगा आएगा. लेकिन लगता है नीतीश कुमार की पार्टी के नेताओं को इनकी बातों में दिलचस्पी नहीं है. पार्टी के प्रवक्ता ने साफ कर दिया है कि पार्टी चुनावी मोड में आ गई है. लालू शांति से नहीं बैठने वाले हैं, इसलिए उन्होंने मांझी का मुद्दा भी उठा दिया है, ताकि नीतीश पर दबाव बना रहे. विलय के लिए वह हर संभव कोशिश कर रहे हैं.