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बिहार: पूजा पंडाल के माध्यम से दिया जा रहा है शराबबंदी का संदेश

श्रीधाम सेवा समिति द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा पंडाल के मुख्य द्वार को शराब की बोतलों का रुप दिया गया है. शराब की इन बोतलों पर लाल रंग की क्रॉस लाइन लगाई गई है मतलब साफ कि शराब से तौबा. पूजा पंडाल के माध्यम से समाज में साकारात्मक संदेश देना ही श्रीधाम सेवा समिति का उद्देश्य रहा है.

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पंडाल के मुख्य द्वार को शराब की बोतलों का रुप दिया गया
पंडाल के मुख्य द्वार को शराब की बोतलों का रुप दिया गया

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इन दिनों शराबबंदी बिहार का सबसे अहम मुद्दा है. इसका असर दुर्गा पूजा के पंडालों में भी देखने को मिल रहा है. बिहार के पूर्णिया में शराबबंदी को लेकर पंडाल के माध्यम से संदेश दिया जा रहा है. इस अनोखे पंडाल की चर्चा न केवल पूर्णिया में बल्कि राजधानी पटना तक हो रही है.

श्रीधाम सेवा समिति द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा पंडाल के मुख्य द्वार को शराब की बोतलों का रुप दिया गया है. शराब की इन बोतलों पर लाल रंग की क्रॉस लाइन लगाई गई है मतलब साफ कि शराब से तौबा. पूजा पंडाल के माध्यम से समाज में साकारात्मक संदेश देना ही श्रीधाम सेवा समिति का उद्देश्य रहा है. इस साल श्रीधाम सेवा समिति ने पूर्णिया के आरक्षी अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी की प्रेरणा से शराबंबदी को लेकर पंडाल का निर्माण किया गया है. पंडाल के मुख्य द्वार पर बनाई गई शराब की बोतलों को प्लाईवुड से बनाया गया है जिसे पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने बनाया है.

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सकारात्मक संदेश देना पंडाल का उद्देश्य
पूर्णिया के एसपी निशांत कुमार तिवारी ने बताया कि देश या राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर पंडाल के निर्माण करने की परंपरा दशकों पुरानी है. उन्होंने कहा कि श्रीधाम सेवा समिति द्वारा 1962 से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है और हर साल महत्वपूर्ण घटनाओं को ही थीम बनाकर पंडाल का निर्माण किया जाता है. एसपी निशांत तिवारी ने कहा कि इस बार शराबबंदी ही राज्य का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है. इसलिए शराबबंदी ही पंडाल निर्माण का थीन है. इस तरह के पंडाल निर्माण से समाज में सकारात्मक संदेश गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगने और पंडाल के माध्यम से इस तरह के संदेश जाने से सबसे ज्यादा खुशी महिलाओं में है.

कई मुद्दों के थीम पर बना पंडाल
उन्होंने कहा कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में सामाजिक सदभाव बनाते हुए दुर्गा पूजा संपन्न हो यही कोशिश इस समिति के साथ-साथ जिला प्रशासन की है. याद हो कि पिछले साल यह पंडाल पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को समर्पित था. उस पंडाल का नाम मिसाइल पंडाल रखा गया था. साल 2014 में पंडाल का थीम था गैस का सिलिंडर. कारण ये था कि उस साल गैस सिलिंडर पर सब्सिडी दी गयी थी. उससे पहले कारगिल युद्ध, संसद भवन पर आतंकी हमला, अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला, कुसहा त्रासदी, गायसोल ट्रेन हादसा जैसे प्रमुख मुद्दों को थीम बना कर पंडाल का निर्माण किया जा चुका है.

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