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मिड डे हादसा दिल दहला देने वाली घटना: नीतीश

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मिड डे मील के विभिन्न पहलुओं को लेकर काफी चर्चा हुई है, जो स्वाभाविक है. जिस दिन घटना घटी है. उस दिन शाम में जैसे ही सूचना मिली है, हम लोगों ने तत्काल कुछ कदम उठाए थे लेकिन इस बीच सरकार की तरफ से विभाग की तरफ से बहुत सारी जानकारी दी गई.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मिड डे मील के विभिन्न पहलुओं को लेकर काफी चर्चा हुई है, जो स्वाभाविक है. जिस दिन घटना घटी है. उस दिन शाम में जैसे ही सूचना मिली है, हम लोगों ने तत्काल कुछ कदम उठाए थे लेकिन इस बीच सरकार की तरफ से विभाग की तरफ से बहुत सारी जानकारी दी गई.

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नीतीश ने कहा कि पुलिस के द्वारा भी सबको जानकारी दी गई है लेकिन एक बात बार-बार आती रही मुझको लेकर कि मैं वहां गया नहीं, यहां मैं चुप हूं. जिस दिन घटना घटी उसी दिन जितना इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जानी थी, हमारे स्तर पर निर्णय हुआ और कार्रवाई की, जो मेरे कम से कम पटना के मीडिया के लोगों को मुझे बताने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वैसे ही हालत में एक सोमवार को जनता के दरबार में सब लोगों से हमारी मुलाकात हुई थी उस कार्यक्रम के बाद.

उन्‍होंने कहा कि मुझे बेहद दुख है अफसोस है और सचमुच ये दिल दहला देने वाली घटना है, जो भी संभव हो सका है, हम लोगों ने इस मामले में करने की कोशिश की. बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया. छपरा में जब स्थिति स्टेबल होती नजर आ रही थी डॉक्टर उत्साहित थे कि जान बचेगी, मगर फिर हालत बिगड़ गई और बार-बार यहां से सब लोग संपर्क में थे और व्यक्तिगत रूप से मैं भी एक-एक पल की जानकारी ले रहा था.

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नीतीश ने कहा कि जब कुछ बच्चों की मृत्यु हो गई. तो हम लोगों ने कहा कि जल्दी इन्हें मेडिकल कॉलेज लाया जाए. रास्ते में कुछ बच्चों की मृत्यु हुई. बाकी सबके बारे में डॉक्टरों का ये मानना है कि वे स्थिर कंडीशन में हैं. दो दिन पहले डिस्चार्ज करने के मूड में थे. मैंने स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव और सुपरिडेंटेंड को हमने कहा कि जहर का मामला है हर तरह से संतुष्ट हो जाना चाहिए, मेडिकल बोर्ड से जांच करा लें और संतुष्ठ हो लें कि अब किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है, तब फिर जिले में उपलब्ध डॉक्टरों से बात हो जाए और फिर बच्चों को निरंतर चिकित्सकीय देखऱेख में रखा जाए.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि कोई साधारण घटना नहीं है ये और मेरी अपनी समझ से, जितने दिनों से मैं देखता हूं जानता हूं सार्वजनिक जीवन में, अपने ढंग की ये बहुत ही दुखद और ह्रदय विदारक घटना है. बच्चों से किसी को क्या दुश्मनी हो सकती है, ये समझ नहीं आता. मिड डे मील पर देश भर और इंटरनेशनल मीडिया में चर्चा हुई है. हमारे शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने, शिक्षा मंत्री ने अपनी बात रखी है. ये सिर्फ बिहार की योजना नहीं है, राष्ट्रीय योजना है. और इसे बेहतर बनाया जाए. इस तरह के जो अनुभव आ गए हैं, इसे देखते हुए हर प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके लिए क्या कुछ कर सकते हैं, इस बारे में केंद्र से मिलकर और लोगों को लगाना होगा. रसोइया को, खाना बनाने वाले लोगों को, इन सब पर और भी ध्यान देना होगा. ज्यादा मानदेय देना होगा.

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उन्‍होंने कहा कि योजना तमिलनाडु में शुरू हुई थी. वहां एक सामाजिक पृष्ठभूमि है. सामाजिक आंदोलन हुए. हमारे यहां राजनैतिक आंदोलन हुए. सामाजिक व्यवहार दोनों जगह भिन्न है. वहां कर्तव्य पर जोर है यहां अधिकार पर जोर है और ये तो राष्ट्रीय निर्णय है. इसके पीछे एक अच्छी सोच है, अवधारणा है. जो बच्चे पढ़ने जाते हैं उनके पोषण का लेवल अच्छा रखा जाए. रही बात इस घटना की, तो इसकी पूरी जांच पड़ताल हो रही है, जैसे ही यह हुआ हमने प्रशासनिक जांच का आदेश दिया था. पुलिस का काम है, उस पर छोड़ना चाहिए.

नीतीश ने कहा कि बार-बार बच्चों के विरोध के बाद भी मीडिया के साथी भी घर घर गए, लोगों ने स्टेटमेंट दिया. लोगों के जो वर्जन आए हैं, एफएसएल की टीम गई. जांच हो चुकी है. उसकी रिपोर्ट भी पब्लिक डोमेन में है. जिस ढंग से वो हो रहा है. मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि इस पूरे अनुसंधान के जरिए जो भी जांच होगी, जो भी दोषी होंगे, जिसने जो कुछ भी सोचकर यह कृत्य किया है, वे कानून के कठघरे में खड़े किए जाएंगे.

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