'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' जैसा देश भक्ति गीत लिखने वाले अल्लामा इकबाल मंगलवार को बिहार विधान परिषद में विवादों के घेरे में आ गए. विधान परिषद में चर्चा के दौरान इकबाल को लेकर सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के दो घटक दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सदस्य आमने-सामने नजर आए.
दरअसल, मंगलवार को विधान परिषद में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बजट पर चर्चा हो रही थी. चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) प्रेमचंद्र मिश्रा ने हमला करते हुए कहा कि सरकार ने विभाग का नाम अल्पसंख्यक कल्याण विभाग रखा है मगर समाज में वह अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैला रही है. प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि सरकार जिस तरीके से देश चला रही है उसमें विकास संभव नहीं है.
कांग्रेस के एमएलसी ने कहा कि आजादी की लड़ाई को देख लें. इंकलाब जिंदाबाद, सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा, किसने कहा. आज भी इन बातों को बोलने से शरीर में रोमांच पैदा हो जाता है. उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में जिन लोगों ने इतना बड़ा योगदान दिया, उन्हें आज कठघरे में खड़ा किया जा रहा है. कांग्रेस एमएलसी मिश्रा ने कहा कि केवल वोट की राजनीति के लिए यह नहीं चलेगा. अगर ऐसा ही चलाना चाहते हैं तो विकास नहीं होगा.
प्रेमचंद मिश्रा के बोलने के तुरंत बाद बिहार सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता अमरेंद्र प्रताप सिंह खड़े हो गए और कहा कि अल्लामा इकबाल ने 'सारे जहां से अच्छा' जरूर लिखा था मगर देश के विभाजन के बाद वह पाकिस्तान चले गए थे. अमरेंद्र प्रताप सिंह ने जैसे ही विधान परिषद में यह कहा, जेडीयू के एमएलसी खालिद अनवर ने तुरंत इसका विरोध किया और मंत्री की ओर से दी गई जानकारी को गलत बताया.
जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने सदन में कहा कि अल्लामा इकबाल को लेकर अमरेंद्र प्रताप सिंह ने जो जानकारी दी, वह सही नहीं है. इकबाल का इंतकाल देश की आजादी से पहले ही साल 1938 में ही हो चुका था. वह हिंदुस्तान छोड़कर पाकिस्तान नहीं गए थे. जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने भी अमरेंद्र प्रताप सिंह की जानकारी को गलत बताते हुए उन्हें ज्ञानवर्धन करने की सलाह दी.