केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार सुबह नवादा जेल में बंद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं से मुलाकात की. मुख्य तौर पर गिरिराज सिंह ने इन दोनों संगठनों के नेता कैलाश और जीतू समेत आधा दर्जन और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की जिन्हें पिछले दिनों पुलिस ने सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार सरकार पर आरोप लगाया कि हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसा कर जेल भेज दिया गया है. जेल में बंद इन कार्यकर्ताओं का बचाव करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि यह नेता नवादा में पिछले 1 साल में हुए सांप्रदायिक तनाव के दौरान शांति बहाली की कोशिश कर रहे थे, मगर इनको पुलिस ने गलत तरीके से गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है.
बीजेपी नेता ने कहा कि 2017 में रामनवमी और उसके कुछ दिनों के बाद मुर्ति तोड़े जाने को लेकर नवादा में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुईं और माहौल को शांत करने के लिए बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के यह कार्यकर्ता शांति बहाली में लगे हुए थे. मगर पुलिस ने उल्टा इन्हीं गलत मामलों में फंसा कर गिरफ्तार कर लिया. फिर जेल में डाल दिया जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, बिहार सरकार के मन में एक बात बैठ गई है कि प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द तभी स्थापित होगा जब हिंदुओं को दबाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ जो कार्रवाई हुई है, वह हिंदुओं को उकसाने वाली है.
गिरिराज सिंह ने सवाल उठाया कि क्या बिहार सरकार यह सोचती है कि राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द तभी स्थापित होगा जब हिंदुओं को दबाया और अपमानित किया जाएगा?
जेल में बंद हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं से हुई अपनी मुलाकात पर बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि उन्होंने बकायदा जेल आईजी और नवादा जिलाधिकारी को सूचित करने के बाद यह मुलाकात की है.