बिहार की मोकामा विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव महागठबंधन और बीजेपी के लिए साख की लड़ाई बन गई है. यह उपचुनाव नेताओं के बनते-बिगड़ते नए रिश्ते की समीकरण देखने को मिल रहे हैं. नीतीश कुमार और ललन सिंह जिस अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को कभी चुनाव हराने पर अमादा थे, अब उसे जिताने के लिए मशक्कत कर रहे हैं. सियासी बदलाव के बाद गठबंधन की मजबूरी के चलते सीएम नीतीश और ललन सिंह आरजेडी प्रत्याशी नीलम देवी के लिए कैंपेन करेंगे.
बिहार में तीन नवंबर को मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान होना है. मोकामा सीट से विधायक रहे अनंत सिंह को सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वहीं, गोपालगंज सीट विधायक सुभाष सिंह के निधन के कारण रिक्त हो गई थी. मोकामा सीट आरजेडी के पास थी तो गोपालगंज बीजेपी के पास थी.
बिहार में नीतीश कुमार के बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन में वापसी के बाद यह पहला उपचुनाव है, जिसके चलते दोनों ही दलों की साख दांव पर लगी है.सत्ताधारी महागठबंधन के साथ ही विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने पूरी ताकत झोंक दी है. मोकामा सीट से उपचुनाव में महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उम्मीदवार बनाया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोकामा सीट से आरजेडी की उम्मीदवार के लिए प्रचार करने के लिए उतर सकते हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा था क्योंकि पिछले कुछ समय से नीतीश कुमार के अनंत सिंह के साथ संबंध ठीक नहीं रहे हैं. लेकिन गठबंधन की मजबूरी ही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोकामा में अनंत सिंह की पत्नी आरजेडी उम्मीदवार नीलम देवी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए तैयार हो गए हैं.
नीतीश कुमार मोकामा सीट पर प्रचार करने के लिए मान गए हैं. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और बिहार के पूर्व सीएम और हम के संस्थापक जीतनराम मांझी के साथ नीलम देवी के लिए प्रचार करने के लिए उतरेंगे. नीतीश कुमार महागठबंधन के नेताओं के साथ 27 अक्टूबर को मोकामा के घोस्वरी में चुनावी रैली को संबोधित कर सकते हैं. मोकामा में नीतीश कुमार के प्रचार का कार्यक्रम तय किया जा रहा है और जल्द ही इसका आधिकारिक ऐलान होगा. नीतीश कुमार गोपालगंज सीट से उपचुनाव में आरजेडी उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता के पक्ष में भी चुनाव प्रचार करेंगे.
मोकामा में कैंप करेंगे ललन सिंह
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्ययक्ष ललन सिंह मोकामा में कैंप करेंगे. इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में जनसंपर्क और छोटी जनसभा को संबोधित करेंगे. ललन सिंह जिस अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के पक्ष में कैंपेन करेंगे, कभी उसे ही चुनाव में हराने पर अमादा थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर सीट पर ललन सिंह को नीलम देवी ने कड़ा टक्कर दिया था. मुकाबला इतना जोरदार था कि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले इसी मोकामा में अनंत सिंह पिछड़ भी गए थे. हालांकि बाकी जगह वे भारी पड़े थे. राजनीति ने ऐसी करवट ली की ललन सिंह अब नीलम देवी को जिताने के लिए दो दिनों तक मोकामा में रहेंगे.
मोकामा में अनंत सिंह का दबदबा
मोकामा विधानसभा सीट पर आरजेडी की नीलम देवी का मुकाबला बीजेपी की प्रत्याशी बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी से है. बीस सालों से मोकामा सीट पर अनंत सिंह का कब्जा है, बीजेपी यहां पर कभी भी जीत नहीं सकी. इस सीट कुल 16 चुनाव में 7 बार कांग्रेस, तीन बार जेडीयू, तीन बार निर्दलीय उम्मीदवार, दो बार जनता दल और एक बार आरपीआई ने जीत दर्ज की है. बिहार के बदले हुए सियासी समीकरण में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है तो महागठबंधन भी किसी तरह का कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता.
नीतीश और अनंत की दोस्ती
अनंत सिंह कभी नीतीश कुमार के करीबी नेता माने जाते थे, लेकिन 2015 के चुनाव से पहले उनके संबंध बिगड़ गए. चुनाव से ठीक पहले अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. उनके पटना के सरकारी मकान से छापेमारी की गई. इसके बाद भी वे 2015 में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अपनी दावेदारी ठोकी और जीत भी हासिल की. साल 2020 चुनाव के दौरान अनंत सिंह जेल में बंद होते हुए आरजेडी प्रत्याशी के रूप विधायक बने, लेकिन अब उनकी पत्नी चुनावी मैदान में है. ऐसे में नीतीश और तेजस्वी साथ है तो मुकाबला बीजेपी से है.
बीजेपी का चक्रव्यूह
बीजेपी के तमाम बड़े नेता मोकामा में पिछले कई दिन से कैंप कर रहे हैं जिसमें प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी भी शामिल हैं. बीजेपी के सियासी चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए ही नीतीश कुमार से लेकर ललन सिंह और तेजस्वी यादव तक मोकामा सीट पर प्रचार के लिए उतर रहे हैं. नीतीश सारी दुश्मनी भुलाकर अनंत सिंह की पत्नी को जिताने के लिए उतर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर महागठबंधन यह सीट हारता है तो बीजेपी उसे नीतीश कुमार की हार बताएगी. इसीलिए वो सारे गिले-शिकवे भुलाकर चुनावी प्रचार करने के लिए उतर रहे हैं.