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खुद के विधायक भी साथ नहीं खड़े, क्या अकेले पड़ चुके हैं मुकेश सहनी?

सोमवार को NDA मीटिंग का बहिष्कार करने के बाद सहनी जीतन राम मांझी से मिलने पहुंचे और मुलाकात के बाद सहनी ने इशारों ही इशारों में BJP-JDU पर तंज कसता.

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VIP के अध्यक्ष मुकेश सहनी
VIP के अध्यक्ष मुकेश सहनी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सहनी को खुद अपने विधायकों का भी साथ नहीं मिल रहा है
  • एक विधायक ने कहा कि पार्टी में कोआर्डिनेशन की कमी है

यूपी में फूलन देवी के शहादत दिवस पर कार्यक्रम की इजाजत न मिलने और बिहार NDA में अपनी न सुनी जाने के आरोप लगाकर NDA की मीटिंग का बहिष्कार करने वाले VIP के अध्यक्ष मुकेश सहनी (mukesh sahni) अब खुद की ही पार्टी में अलग-थलग पड़े दिखाई पड़ रहे हैं.

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सोमवार को NDA मीटिंग का बहिष्कार करने के बाद सहनी जीतन राम मांझी से मिलने पहुंचे और मुलाकात के बाद सहनी ने इशारों ही इशारों में BJP-JDU पर तंज कसते हुए कहा, 'छोटा आदमी, छोटे आदमी के साथ ही तो रहेगा, बड़े आदमी के यहां कहां जगह मिलने वाला है.' सहनी ने कहा कि हम मल्लाह और मुशहर छोटे आदमी हैं, हम अपनी हैसियत में रहते हैं. हम छोटी पार्टी हैं तो छोटी पार्टी के साथ मिलकर चलते रहेंगे.

सहनी को नहीं मिल रहा विधायकों का साथ

मुकेश सहनी की तरफ से हो रही लगातार बयानबाजी के बीच एक तरफ NDA में असहज स्थिति पैदा हो गई है तो दूसरी तरफ सहनी को खुद अपने विधायकों का भी साथ नहीं मिल रहा है. साहेबगंज से VIP विधायक राजू कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्टी में सार्वजनिक तौर पर फैसले नहीं लिए जा रहे, जबकि बिना किसी से राय-मशविरा लिए सारे फैसले सहनी खुद अकेले लेते हैं. विधायक का आरोप है कि पार्टी में कोआर्डिनेशन की कमी है, ये प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं, पार्टी है. इतना ही नहीं राजू सिंह ने NDA की बैठक का बहिष्कार करने के सहनी के फैसले पर भी असहमति जताते हुए कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण फैसला था. ऐसा नहीं है कि NDA में नहीं सुनी जा रही.

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VIP पार्टी के ही दूसरे विधायक मिश्री लाल यादव भी मुकेश सहनी के साथ यूपी में हुई घटना पर उनके साथ खड़े नजर नहीं आ रहे. मिश्री लाल यादव ने कहा कि वो बिहार में विधायक हैं, यूपी में क्या हो रहा है, इसमें वो क्या जानते हैं. यूपी में क्या हुआ इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात करिए. मिश्री लाल यादव ने कहा कि मुकेश सहनी क्यों नाराज़ हैं इसका कारण आप भी जानते हैं. भविष्य में अगर वो कोई फैसला लेते हैं, तब हम तय करेंगे कि क्या करना है या नहीं करना है.

बीजेपी-जेडीयू नहीं दे रही तवज्जो

उधर BJP और JDU भी मुकेश सहनी की नाराजगी को कोई खास तवज्जो नहीं दे रही. BJP विधायक हरिभूषण ठाकुर ने तो यहां तक कह दिया कि मुकेश सहनी को लोकसभा और विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी नेता बनाया गया. ठाकुर ने सहनी को नसीहत भी दी कि उन्हें स्टेप बाय स्टेप चलना चाहिए, राजनीति में छलांग नहीं लगानी चाहिए.

जबकि JDU के संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि एक घर मे जब 5 लोग रहते हैं, तो थोड़ी-बहुत चीजें होती रहती हैं. लेकिन ऐसा भी कुछ नहीं हुआ है जिसपर खास गौर किया जाए. यानी साफ है कि मुकेश सहनी की नाराजगी की चिंता न तो फिलहाल JDU और BJP को है और न ही उनके खुद के विधायक उनके साथ खड़े नजर आ रहे हैं.

 

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