बिहार देश के उन चंद राज्यों में शामिल है जहां हर साल बाढ़ आती है और बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते है. इस बीच बाढ़ के हालात और इससे बनने वाली परिस्थितियों के बारे में मुजफ्फरपुर में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने प्रदेश में (खासकर उत्तर बिहार) आने वाली बाढ़ को आर्टिफिशियल करार दे दिया.
उन्होंने कहा कि बिहार को नेपाल सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. जल संसाधन मंत्री ने कहा है कि हम लोग बात कर रहे हैं और भी कई तरह बात कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जो पहले था उससे तो कम हो रहा है. हम बांध की रखरखाव पर ज्यादा काम कर रहे हैं.
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि कहीं रोड टूट रहा है. कहीं पुल-पुलिया खतरनाक स्थिति में है तो उसके लिए हर विभाग को अलर्ट किया गया है. उसे तुरंत बना देने के लिए एक दूसरे से समन्वय से जो हो रहा है वो अच्छा काम हो रहा है.
इसे भी क्लिक करें --- बिहार: गंगा में आई बाढ़ के कारण सिमरिया घाट जलमग्न, अंतिम संस्कार में भी दिक्कत
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक
समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान उपमुख्यमंत्री सीएम रेणु देवी ने बताया कि बिहार में तो आर्टिफिशियल बाढ़ ज्यादा है. सबसे ज्यादा नेपाल प्रभावित करता है उसके लिए भी सरकार के स्तर से बातचीत की जा रही है. कहीं सड़क धंस रही है तो कहीं पुल-पुलिया को त्वरित ठीक किया जा रहा है. सभी विभाग अलर्ट हैं. वहीं बाढ़ में सभी विभागों की को-ऑर्डिनेशन से अच्छा कार्य किया जा रहा है.
इससे पहले प्रदेश की उपमुख्यमंत्री रेणु शनिवार को मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ को लेकर डीएम एवं वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. जिलाधिकारी ने डिप्टी सीएम को बाढ़ से प्रभावित पंचायतों, गांवों, बाढ़ वार्डों, साथ ही बाढ़ से प्रभावित जनसंख्या, विस्थापित जनसंख्या, वितरित पॉलिथीन सीट्स की संख्या, वितरित फूड पैकेटों की संख्या, संचालित नावों की संख्या, जीआर राशि के भुगतान की अद्धतन स्थिति, संचालित सामुदायिक किचन और इनसे लाभान्वित लोगों की संख्या, बाढ़ प्रभावित लोगों के चलाए जा रहे स्वास्थ्य शिविरों का विवरण, पशु चारा वितरण की स्थिति, बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में कोविड टीकाकरण की अद्यतन स्थिति के साथ जिले में बहने वाली प्रमुख नदियों के वर्तमान जलस्तर की स्थिति से अवगत कराया.