मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ बलात्कार के मामले में मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. पिछले कुछ दिनों से यह बात सामने आ रही थी कि बृजेश ठाकुर भले ही जेल में बंद हो, मगर वह अपना वक्त जेल के अस्पताल में बिता रहा है. इसी को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है जिसमें यह बात सामने आई कि पिछले 66 दिनों में बृजेश ठाकुर अब तक केवल 6 दिन ही जेल की कोठरी में रहा है.
सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि आखिर इस पूरी कहानी की पटकथा कैसे लिखी गई. 31 मई को बृजेश ठाकुर के खिलाफ बालिका गृह बलात्कार मामले में FIR दर्ज की गई और 2 जून को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
खराब सेहत के बहाने जेल से रहा दूर
अगले दिन 3 जून को उसे मुजफ्फरपुर के जेल में भेज दिया गया. मगर एक हफ्ते से कम समय के अंदर ही बृजेश ठाकुर ने खराब सेहत का हवाला देकर जेल से बाहर आने का रास्ता ढूंढ लिया.
9 जून को बृजेश ठाकुर ने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उसे श्री कृष्ण मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर वह 27 जून तक रहा, यानी कुल 18 दिन उसने जेल के बाहर इस अस्पताल में गुजारे.
इसी दौरान मुजफ्फरपुर जेल के सुपरिटेंडेंट सत्येंद्र कुमार का तबादला हो गया और 25 जून को राजीव कुमार झा ने पदभार संभाला. 26 जून को राजीव झा ने श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज प्रबंधन को पत्र लिखा और बृजेश ठाकुर के सेहत को लेकर जानकारी मांगी. जेल सुपरिंटेंडेंट के इस पत्र का असर यह हुआ कि 27 जून को ही अस्पताल प्रबंधन ने बृजेश ठाकुर को अस्पताल से छुट्टी दे दी और वह वापस जेल पहुंच गया.
बृजेश ठाकुर को अस्पताल से छुट्टी देते वक्त श्री कृष्ण मेमोरियल कॉलेज के डॉक्टरों ने कहा कि उसे आगे भी जेल डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाए. इसका असर यह हुआ कि 27 जून को वापस जेल पहुंचने के बावजूद भी बृजेश ठाकुर को जेल की कोठरी में नहीं भेजकर उसे जेल अस्पताल में भर्ती कर दिया गया और तब से अब तक बृजेश ठाकुर जेल के अस्पताल में ही भर्ती है.
इसका मतलब अब साफ है कि पिछले 66 दिनों में बृजेश ठाकुर ने केवल 6 दिन ही जेल की कोठरी में गुजारे हैं. वह और बाकी 7 दिनों से वह अस्पताल में अपनी बीमारी का इलाज कराने के बहाने से रह रहा है.
बृजेश को डायबिटीज की बीमारी
'आजतक' से फोन पर बात करते हुए मुजफ्फरपुर जेल अधीक्षक राजीव झा ने बताया कि बृजेश ठाकुर को डायबिटीज की बीमारी है और वह स्लिप डिस्क से भी ग्रसित है. जेल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से बृजेश ठाकुर को हाइपरटेंशन और ब्लड प्रेशर में उतार चढ़ाव की भी तकलीफ है जिसका जेल के डॉक्टर इलाज कर रहे हैं.
पिछले 60 दिनों से जेल की कोठरी से बाहर अस्पताल में इलाज करने के बात जैसे ही सामने आई वैसे ही जेल सुपरिटेंडेंट ने सोमवार को सिविल सर्जन शिवचंद्र भगत को बृजेश ठाकुर की सेहत की पूरी जांच करने का आग्रह किया.
दोपहर होते-होते सिविल सर्जन ने 3 डॉक्टरों की टीम का गठन कर दिया जिसमें डॉक्टर एस के चौधरी, डॉक्टर सी. के दास और डॉक्टर अनिल कुमार शामिल थे थे. शाम को सिविल सर्जन द्वारा गठित डॉक्टरों की टीम ने जेल अस्पताल जाकर बृजेश ठाकुर की सेहत का जायजा लिया. माना जा रहा है कि मंगलवार को डॉक्टरों की टीम सिविल सर्जन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.