राजनीति में ऐसा विरले ही देखने को मिलता है जब कोई नेता सार्वजनिक और राजनीतिक मंच से अपनी शादी और पत्नी का जिक्र करता दिखता है. राजनेता आमतौर पर अपनी शादी, पत्नी या अपनी निजी जिंदगी की चर्चा सार्वजनिक मंचों से करने से बचते हैं. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राजनीतिक मंच पर अपनी शादी और पत्नी रेचल की चर्चा करने लगे.
दरअसल, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव खुद पर जातिवादी होने के आरोपों को लेकर सफाई दे रहे थे. राजनीतिक मंच से तेजस्वी अपनी शादी और क्रिश्चन पत्नी का जिक्र करते दिखे. बकौल तेजस्वी, ''भाई हमको कहता है लोग जातिवादी... मेरी बीवी जो है, वो ईसाई धर्म की है. अगर हम जातिवादी होते तो हम ईसाई धर्म में क्यों शादी करते. लेकिन ये बात कहने की नहीं है. अमित शाह आए और कहे कि यादव और मुसलमान का बढ़ा दिया गया (आरक्षण). झूठ बोलना उन लोगों का काम है.'' देखें Video:-
दरअसल, बीते दिन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों के साथ सोनपुर मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे. वह बिहार सरकार की ओर से कराई गई जातीय गणना और आरक्षण के दायरे को बढ़ाने वाले मास्टरस्ट्रोक को जनता के बीच गिना रहे थे. लेकिन जातीय गणना और आरक्षण में उनकी जाति को होने वाले फायदे और इससे जुड़े आरोपों पर सफाई देने की बारी आई तो राजनीतिक भाषण के बीच तेजस्वी अपनी पत्नी को ले आए. खुद को जातिवाद के आरोपों से निर्दोष बताते तेजस्वी सफाई देते दिखे कि वह जातिवादी नहीं हैं. उन्होंने क्रिश्चन लड़की से शादी की है.
2021 में हुई थी तेजस्वी की शादी
बता दें कि साल 2021 के दिसंबर माह में तेजस्वी ने राजश्री (रेचल) से विवाह रचाया था. राष्ट्रीय राजधानी में नई दिल्ली में हुए इस विवाह समारोह ने काफी चर्चा बटोरी थी.
तेजस्वी और राजश्री की लव मैरिज हुई थी. बताया जाता है कि तेजस्वी और राजश्री के विवाह को लेकर पहले लालू परिवार तैयार नहीं था. मगर बाद में सब राजी हो गए थे. परिवार की रजामंदी के बाद इस जोड़े ने 'चट मंगनी-पट ब्याह' रचा लिया था.
राजश्री की बात करें तो वह दिल्ली की रहने वाली हैं. उनके पिता चंडीगढ़ के एक स्कूल में प्रिंसिपल रह चुके हैं. राजश्री और तेजस्वी लंबे समय से एक दूसरे को जानते थे. राजश्री ने मल्टीनेशनल यूनिवर्सल बैंक Barclays के साथ काफी समय तक काम किया था, लेकिन तेजस्वी के साथ शादी के लिए उन्होंने जॉब से ब्रेक ले लिया.
बहरहाल, बिहार की राजनीति है ही कुछ ऐसी. जहां पर हर दिन कुछ ख़ास होता दिख जाता है. शायद यही वजह है कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच नेताओं को अब अपनी पत्नियों तक का सहारा लेना पड़ रहा है.
जातिगत जनगणना को लेकर छिड़ा है रार
इसके अलावा, एक कार्यक्रम में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जाति आधारित गणना पर कहा, जो कांग्रेस पार्टी पहले जातीय जनगणना की बात नहीं करती थी, अब उनके नेता राहुल गांधी को जातीय जनगणना की बात कहनी पड़ रही है. कांग्रेस को कहना पड़ रहा है कि अगर उनकी सरकार बनी तो जातीय जनगणना होगी. देश में जातीय जनगणना को लेकर माहौल बन रहा है. कई अन्य क्षेत्रीय पार्टियां भी जातीय जनगणना की मांग कर रही हैं. गरीबों को आरक्षण मिलना जरूरी है, इसीलिए हमने बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाया. अब उसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, ताकि इससे कोई छेड़छाड़ न हो.